राँची: झारखंड की राजधानी रांची समेत 21 लोकेशन पर शुक्रवार सुबह-सुबह प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने एक साथ छापेमारी की है. ईडी की यह दबिश मोराबादी, बरियातू, पीपी कंपाउंड, चिरौंदी और लालपुर समेत रांची के कई प्रमुख इलाकों में एक साथ की गई, जिससे सूत्रों के मुताबिक, ईडी की टीम अहले सुबह ही इन लोकेशनों पर पहुंच गई और पूरे इलाके को चारों ओर से घेर लिया. पीपी कंपाउंड में इंश्योरेंस कंपनी पर ईडी की छापेमारी चल रही है.टीम ने छापेमारी के दौरान किसी को भी अंदर-बाहर जाने की अनुमति नहीं दी. कई ठिकानों पर भारी संख्या में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती भी देखी गई.

क्या है मामला?
ये मामला “आयुष्मान योजना” में फर्जीवाड़ा और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ था. इस मामले जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार की बेहद चर्चित आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों को मिलने वाले फंड का दुरुप्रयोग करके कई अस्पतालों और उसके प्रबंधकों के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही थी.उसके बाद ही ये कार्रवाई को विस्तार से तफ्तीश करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आगे बढ़ाया गया.
जानकारी मिली कि कई अस्पतालों में मरीजों को भर्ती भी नहीं करवाया गया था और उसके इलाज का पैसा केंद्र सरकार की योजना से लिया जा रहा था. झारखंड में आयुष्मान योजना के तहत करीब 750 से अधिक अस्पताल दर्ज हैं, उसमें से कई अस्पतालों द्वारा इस तरह से करोड़ो रुपए का फर्जीवाड़ा करने की जानकारी सामने आई थी. ईडी की जांच का दायरा न सिर्फ रांची बल्कि दिल्ली, यूपी और बंगाल तक फैला हुआ है. आयुष्मान योजना में हुए फर्जीवाड़े को लेकर ईडी के अधिकारियों द्वार आज एक बड़ी रेड कंडक्ट की गई है. रांची के 5 लोकेशन के साथ पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी ये रेड कंडक्ट की जा रही है.

सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा
सीएजी की रिपोर्ट में झारखंड में आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने का उल्लेख किया गया था. इसमें मुर्दों का इलाज करने सहित अन्य प्रकार की गड़बड़ी का भी उल्लेख था. सीएजी की रिपोर्ट संसद में पेश होने और उसमें वर्णित तथ्यों के मद्देनजर ईडी ने स्वास्थ्य विभाग और झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ की गयी कार्रवाई की जानकारी मांगी थी.
जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान योजना में हुई गड़बड़ी के मामले में कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज करायी गयी प्राथमिकी की सूचना ईडी को भेजी थी. ईडी ने इसी प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज कर झारखंड में आयुष्मान घोटाले की जांच शुरू की थी. जांच में मिली गड़बड़ी के आलोक में ईडी ने आज शुक्रवार को संबंधित लोगों के ठिकानों पर छापा मारा है. उल्लेखनीय है कि साल 2025 में ईडी की यह पहली छापेमारी है.
नौ अस्पतालों के खिलाफ खुलासे, और बढ़ सकती है जांच
अब तक की जांच में नौ अस्पतालों के नाम सामने आए हैं जो इस फर्जीवाड़े में संलिप्त पाए गए हैं. ईडी को इस रेड के जरिए कई अहम दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिलने की उम्मीद है, जिससे आगे जांच का दायरा और भी बढ़ सकता है. हालांकि, अभी तक ईडी की ओर से किसी भी अधिकारी ने औपचारिक बयान जारी नहीं किया है.
ईडी की यह कार्रवाई गोपनीय तरीके से की जा रही है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले में और भी बड़े नामों का खुलासा हो सकता है. यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह देश के सबसे बड़े हेल्थ स्कैम्स में से एक बन सकता है.