झुमरीतिलैया (कोडरमा)। भाजपानीत नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मजदूर विरोधी केंद्र सरकार को सत्ता से उखाड़ फेकने के आह्वान के साथ कन्स्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन आॅफ इंडिया (सीडब्लूएफआई) और सीटू से सम्बद्ध झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन का मजदूर अधिकार कन्वेंशन संपन्न हुआ। साहू भवन झुमरीतिलैया में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता नागेश्वर दास, रविन्द्र भारती, राजेन्द्र पासवान व उषा देवी की चार सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया।
कन्वेंशन में कई प्रस्ताव पारित किए गए। वहीं सुखाड़ में निर्माण मजदूरों को अगले छह माह तक दस किलो प्रति व्यक्ति मुफ्त अनाज व पांच हजार रुपये प्रति माह सुखाड़ राहत राशि देने, जनवितरण प्रणाली व्यवस्था में मुफ्त अनाज के साथ पुरानी व्यवस्था एक रूपये किलो अनाज को लागू करने, राशन में कटौती पर डीलर पर कार्रवाई करने आदि मांगों को लेकर 29 सितंबर को प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन करने व सीडब्लूएफआई के आह्वान पर निर्माण मजदूरों की केन्द्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन में जिले से पांच हजार मजदूरों का हस्ताक्षर एकत्रित करने, लखीमपुर खीरी काण्ड की बर्षी पर किसान व मजदूर संगठनों का 3 अक्टूबर को संयुक्त काला दिवस आंदोलन में शामिल होने का प्रस्ताव पारित किया गया। कन्वेंशन में भारी संख्या में मजदूर शामिल हुए।
महिलाओं की भूमिका उल्लेखनीय थी।वहीं कन्वेंशन का उद्घाटन करते हुए सीटू नेता सीडब्लूएफआई केन्द्रीय कमिटी सदस्य और झारखंड राज्य निर्माण कामगार यूनियन के महासचिव संजय पासवान ने कहा कि मजदूरों के पास खोने के लिए अपनी बेड़ियों के सिवाय और कुछ नहीं है, जीतने के लिए उनके सामने सारी दुनिया है। आज देश में उत्पादन व विकास की मुख्य ताकत मजदूर वर्ग की सिर्फ घोर उपेक्षा नहीं बल्कि 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर चार लेबर कोड में बदलकर मजदूरों के कानूनी अधिकारों पर जबरदस्त हमला किया जा रहा है। स्थायी रोजगार, उचित मजदूरी व यूनियन करने के संवैधानिक अधिकारों को ही समाप्त किया जा रहा है। अगले कुछ महीनों में देश में आम चुनाव होने वाला है। पिछले 9 वर्षों में इस मोदी सरकार ने मजदूर वर्ग पर जबरदस्त हमला किया है। इसके खिलाफ मजदूर वर्ग को एकजुट होकर इस जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेकना होगा।
वहीं निर्माण यूनियन के निवर्तमान सचिव प्रेम प्रकाश ने प्रतिवेदन पेश करते हुए कहा कि भारतीय निर्माण उद्योग कृषि के बाद सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। जहां लगभग 51 मिलियन लोग काम करते हैं और देश की जीडीपी में लगभग 11 प्रतिशत का योगदान देते हैं। लेकिन आज निर्माण मजदूरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए श्रमाधान पोर्टल ठीक से काम नहीं कर रहा है और जिसके कारण उनका लेबर कार्ड नहीं बन रहा है और कई सरकारी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।
वहीं सीटू के जिला संयोजक रमेश प्रजापति ने कहा कि देश में महंगाई और बेरोजगारी प्रचंड रूप ले चूका है। स्थायी नौकरी की जगह अनुबंध, ठेका और आउटसोर्सिंग लाया जा रहा है, जहां मजदूरों का शोषण जारी है। वहीं अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के संयुक्त सचिव दिनेश रविदास ने कहा कि प्रदेश में निर्माण स्थलों पर रोजाना दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं, उनमें से कई मजदूर पंजीकृत नहीं होने के कारण कोई लाभ नहीं मिल रहा है। सरकारी जटिलताओं के कारण मजदूरों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है और मजदूरों को उनका अधिकार नहीं दिया जा रहा है। कन्वेंशन में निर्माण कामगार यूनियन की 25 सदस्यीय नई जिला कमिटी का सर्वसम्मति से चुनाव किया गया।
जिसमें प्रेम प्रकाश अध्यक्ष, नागेश्वर दास सचिव, रविन्द्र भारती कोषाध्यक्ष, रमेश प्रजापति, राजेन्द्र पासवान, बद्री तुरी, तालेवर दास उपाध्यक्ष, शम्भु पासवान, सहदेव दास, बालेश्वर राम, मदीना खातुन संयुक्त सचिव उषा देवी, शांति देवी सचिवमंडल सदस्य के अलावा शिवनंदन भूइयां, सहदेव दास, काली दास, जागेश्वर भूइयां, युगल यादव, अजय दास, कारू भूइयां, शांति देवी, उर्मिला देवी, मंजू देवी, रफिना खातुन, गिरजा देवी, रिंकी देवी, मीना देवी जिला कमिटी सदस्य चूने गए।