पलामू।झारखंड विधानसभा के सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति के सभापति सरयू राय ने कहा कि सरकारी फंडिंग से संचालित कंपनियां अपने मूल्य उद्देश्य के अनुसार कार्य नहीं कर रही है। सरकारी विभाग की तरह कार्य करती है। इससे सरकार को फायदा नहीं पहुंच रहा है। सरयू राय शनिवार को परिसदन में सरकारी उपक्रम की समीक्षा बैठक कर रहे थे।
जमशेदपुर के विधायक और सभापति सरयू राय ने सरकारी कंपनियों के क्रियाकलाप की जानकारी ली। समीक्षा के दौरान सामने आया कि सभी कंपनियां कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड तो हुई हैं, लेकिन उनका काम सरकारी विभाग की तरह चल रहा है। इनका अपना कोई ढांचा नहीं है। सभी कंपनियां सरकारी कर्मियों के भरोसे चल रही है जो सरकार पर बोझ की तरह हो गई है। ऐसी आधा दर्जन कंपनियों को बंद करने की तैयारी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकारी उपक्रम का गठन इसलिए किया गया था के यहां कार्यरत कर्मी कमाई कर खुद का संचालन करेंगे, लेकिन वर्तमान स्थिति में चाहे वह फूड कॉरपोरेशन हो, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड हो या फिर अन्य कंपनियां, सब जगह सरकारी कर्मी कार्यरत हैं ऐसे में इनके गठन का उद्देश्य विपरीत जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कंपनी का काम है व्यवसाय करना। सरकार इसमें पूंजी निवेश करती है ताकि ज्यादा फायदा पहुंचे, लेकिन यह कंपनियां कॉरपोरेट कंपनियों की तरह काम नहीं करती। सरकार जो खर्च करती है उसकी भी भरपाई नहीं हो पाती।
सरयू राय ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास सरकारी संसाधनों पर कब्जा कर बैठे हैं। 25 वर्ष तक जमशेदपुर से विधायक और 2015 से मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास के कार्यकाल में कई कार्य हुए, जिसमें सरकार का पैसा लगा है। वहां उनके परिवार का अवैध कब्जा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट में जमशेदपुर में बने शंख मैदान पार्क, चिल्ड्रन पार्क, दो विवाह मंडप सहित पर्यटन विभाग के कई संसाधन असंचालित बताए गए हैं, जबकि भौतिक सत्यापन करने पर सारे संचालित हैं और उसका पैसा लंबे समय से लोग अपनी पॉकेट में डाल रहे हैं। हाल के दिनों में 13 लाख रुपये अकाउंट से वापस लिये गये हैं। टिकट काटना बंद कर दिया गया है। ऐसे में उन्हें हिंदू आस्था का विरोधी बताया जा रहा है।