रांची/लोहरदगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान का यह तीसरा चरण है। अभियान में शामिल होने के लिए आज लोहरदगा आया हूं। राज्यवासियों के द्वार तक राज्य सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का यह लगातार तीसरा साल है। यह आदिवासी-मूलवासी की सरकार है। अंतिम व्यक्ति तक पहुंच कर उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना है।
उन्होंने कहा कि अब तीसरे चरण में आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तहत पंचायत और वार्ड स्तर पर शिविर आयोजित हो रहें हैं। जहां पदाधिकारी नहीं जाते थे, आज वे योजनाएं लेकर आपके बीच आ रहें हैं ताकि राज्य के आदिवासी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक को उनका अधिकार और योजनाओं का लाभ मिले। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन मंगलवार को लोहरदगा के चीरी, कुड़ू में आयोजित आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके गांव, पंचायत में हमने पदाधिकारियों को योजनाओं की गठरी बांधकर भेजने का काम किया है। पूर्व की सरकारों ने कभी गांव, गरीब, किसान सहित आम जनता की सुध लेने का काम नहीं किया। यही कारण है कि लाखों आवेदन शिविरों में आये। पूर्व की सरकार कभी पदाधिकारियों को गांव, पंचायत में भेजने का काम नहीं करती थी। हमने यह सब बदला। आज लाखों जरूरतमंद लोगों को अधिकार मिल रहा है। पदाधिकारी आमजन की सेवा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए है। हमें यहां की जड़ों को मजबूत करना है। जड़ यहां के किसान, श्रमिक, नौजवान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अब पांच वर्ष उम्र के दिव्यांग को भी पेंशन देगी। प्रथम चरण के अभियान के सबसे अधिक आवेदन पेंशन के लिए आए थे। सरकार ने इसकी जानकारी जुटाई और इस पर विचार करते हुए सभी वृद्ध को, विधवा महिला को पेंशन देने का कानून बनाया। अब सभी को ससमय पेंशन का लाभ मिल रहा है। हमने इसके लिए तय संख्या की बाध्यता को समाप्त कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के जरूरतमंदों के लिए आठ लाख आवास की स्वीकृति केंद्र सरकार ने नहीं दी। अब हमारी सरकार राज्य संपोषित अबुआ आवास योजना के तहत अर्हता प्राप्त जरूरतमंद को योजना से आच्छादित कर रही है। यह तीन कमरों का सुसज्जित आवास होगा। आवास आवंटन की प्रक्रिया भी आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार की अनदेखी के बाद यहां के लोगों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार के लिए जरूरी था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्राम गाड़ी योजना शुरू कर रही है, जिसमें वृद्ध, आंदोलनकारी समेत अन्य को निःशुल्क बस सेवा प्रदान की जाएगी, ताकि ये भी शहर से जुड़ सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों पर निर्भर रहने वालों को वन पट्टा देने के लिए अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान चलाया जा रहा है ताकि पात्र लोगों को वन पट्टा दिया जा सके। इस अभियान को हमें पूरा करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। देश में पहली बार एशियन हॉकी चैंपियनशिप ट्रॉफी का साक्षी झारखंड बना। आपकी सरकार ने खिलाड़ियों को मिलने वाली सम्मान राशि में बढ़ोतरी की है। साथ ही खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी भी मिली है।