कोडरमा। आपसी विवाद में षडयंत्रकर एक विधवा महिला की हत्या कर लाश छुपाए जाने के एक मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ राकेश चंद्रा की अदालत ने शुक्रवार को आरोपी रंजीत कुमार महतो, करौजिया चंदबारा कोडरमा निवासी को 302 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10 हजार रूपये जुर्माना भी लगाया। वहीं न्यायालय ने 201 आईपीसी में 2 वर्ष की सजा सुनाई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। मामला वर्ष 2020 का है। इसे लेकर चंदवारा थाना कांड संख्या 90/2020 दर्ज किया गया था।
वहीं अभियोजन का संचालक लोक अभियोजक पीपी एंजेलिना वारला, अधिवक्ता सुधीर कुमार सिंह व मुकेश कुमार ने किया। इस दौरान सभी 11 गवाहों का परीक्षण कराया गया। कार्रवाई के दौरान अपराध की गंभीरता को देखते हुए अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं ने न्यायालय से अभियुक्तों को अधिक से अधिक सजा देने का आग्रह किया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र मंडल ने दलीलें पेश करते हुए बचाव किया। अदालत ने सभी गवाहों और साक्षयों का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्त रंजीत कुमार महतो करौजिया, थाना चंदवारा निवासी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया। वहीं चार अन्य को साक्षय के अभाव में बरी कर दिया।
इसे लेकर अशोक कुशवाहा पिता स्व. हरिशरण ने चंदवारा थाना में एक आवेदन देकर कहा था कि उसका ससुराल चंदवारा के करोंजीया में है। उसका दो साला और एक साली जोधपुर में रहते हैं। उन्होंने फोन कर बताया कि उसकी मां मसोमात फुलवा देवी जो करोंजीया में रहती है, से 29 अगस्त 2020 को बात हुई थी उसके बाद से उसका फोन स्विच आॅफ आ रहा है। तब जाकर उसके द्वारा करौजिया गांव में लोगों को फोन कर पता करने का प्रयास किया। तो ग्रामीणों ने बताया कि चार-पांच दिन से फुलवा देवी को किसी ने नहीं देखा है। तब उसे शक हुआ और उनके द्वारा अपने साले और साली को इसकी सूचना दी। तब उन लोगों ने बताया कि उसके चाचा-चाची से ईन लोगों का जमीन का विवाद चलता आ रहा है। उन लोगों के द्वारा कई बार जान मारने की धमकी दिया गया था। उसके बाद वह ग्रामीणों के साथ 03 सितम्बर 2020 को करोंजीया अपने ससुराल पहुंचे तो देखें कि उनके ससुराल का दरवाजा का बाहर से कुंडी लगा हुआ है। फिर कुंडी खोलकर सभी कमरों को देखा तो सास कहीं नहीं नजर आई। इस द्रव्यमान बरामदा पर खून का निशान देखा गया।
लीपापोती कर खून को मिटाने का प्रयास किया गया है और बगल के रूम में खून से सना हुआ जूट का बोरा दिखा जो आधा जला हुआ था। वहीं बगल के मिट्टी के घर में खून से पोछा कपड़ा जला हुआ पाया गया। तब उसे शक हुआ कि उसकी सास फुलवा मसोमात का घर में ही हत्या कर शव को कहीं छुपा दिया गया है। इसके बाद अशोक महतो के द्वारा बालेश्वर महतो, रंजीत कुमार महतो, संजय महतो, मंदोदरी देवी, कल्याणी देवी, सहित अन्य लोगों पर उसकी सास की हत्या कर लाश छुपाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया गया था और आरोपियों पर उचित कार्रवाई करने की मांग की थी।