झुमरीतिलैया (कोडरमा)। रामनवमी के लिए झुमरीतिलैया शहर स्थित बाजार की रौनक बढ़ गई है। पूरा बाजार महावीरी झंडा व पताके से पटा है। झंडा चैक सहित रेलवे ओवरब्रिज रांची पटना रोड पर सड़क के दोनों किनारे महावीरी झंडा व पताके लगाए गए हैं। बाजार में 20 से लेकर 1500 से 2000 तक के झंडा व पताके बिक रहे हैं। वहीं विभिन्न अखाड़ा कमेटी की ओर से रामनवमी के मौके पर निकाले जाने वाली झांकी को आकर्षक रूप दिया जा रहा है। शहर में एक दर्जन से अधिक अखाड़ा समितियां द्वारा झांकियां निकाली जाएगी। इसमें रामनवमी पूजा समिति बेलाटाड़, वासंति दुर्गा पूजा समिति गुमो, बजरंग क्लब गुमो, रामनवमी पूजा समिति असनाबाद, वाईडीसी क्लब इंदरवा, वासंती दुर्गा पूजा समिति तिलैया बस्ती, रामनवमी पूजा समिति चमत्कारी बाबा विद्यापूरी, रामनवमी पूजा समिति मड़ुआटाड़, रामनवमी पूजा समिति नवादा बस्ती आदि समितियां शामिल है।
इस बार रामनवमी पूजा समिति बेलाटाड़ द्वारा निकाले जाने वाली झांकी में अयोध्या का भगवान श्री राम की मूर्ति व रामनवमी पूजा समिति असनाबाद द्वारा निकाले जाने वाली झांकी अयोध्या का राम दरबार व समुद्र मंथन आकर्षण का केंद्र बिंदु होगा। दूसरी ओर रामनवमी को लेकर अखाड़ा कमेटि के खिलाड़ियों द्वारा विभिन्न तरह के प्रदर्शन के लिए पूर्वाभ्यास भी किए जा रहे हैं। रामनवमी के मौके पर महासमिति की ओर से झंडा चैक पर अखाड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। वहीं महासमिति के अध्यक्ष संतोष यादव ने बताया कि झंडा चैक पर अखाड़ा कमेटियों के खिलाड़ियों का समागम होगा, जहां वे अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे।
महावीर झंडा तैयार करने में दिन-रात लगे हैं कारीगर
अब्दुल हमीद और मो. खलील ने कहा इस कार्य में भावना जुड़ी है: नगर परिषद वार्ड नंबर 17 भादोडीह निवासी 85 वर्षीय मो. खलील और 70 वर्षीय अब्दुल हमीद सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है। पेशे से दरजी दोनों बुजुर्ग चाचा भतीजा कई सालों से मजहबी सरहदों को लांघ का रामनवमी के लिए महावीरी झंडा तैयार करते आ रहे हैं। इसमें मो. खलील पिछले 50 वर्षों से व मो. हामिद पिछले 35 वर्षों से पूरी श्रद्धा के साथ महावीरी झंडा तैयार किया करते हैं। दोनों कारीगरों से महावीरी झंडा तैयार करने के संबंध में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जात को लेकर कोई भेदभाव उनके मन में नहीं है। जैसे मोहर्रम के मौके पर ताजिया जुलूस के दौरान निकलने वाले झंडे बनाते हैं, उसी प्रकार वे रामनवमी के जुलूस में घरों पर लगाए जाने वाले महावीरी झंडा का निर्माण पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ पिछले काफी समय से करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि झंडा तैयार करने में उनकी पूरी कोशिश इसे आकर्षक बनाने की होती है। झंडा जितना आकर्षक व सुन्दर होगा बाजार में उसकी मांग उतनी अधिक होगी। बढ़ती उम्र के साथ खलील अब अधिक संख्या में महावीरी झंडा नहीं बन पा रहे हैं। वही मो. हमिद इस बार भी अपने पुराने ग्राहकों की मांग को पूरा करने में जुटे हैं।
पहली शोभायात्रा 1986 में निकली थी
मानस समिति की ओर से आयोजित होने वाले अखाड़ा प्रतियोगिता के इतिहास 38 वर्ष पुराना है। वार्ड नंबर चार स्थित इंदरवा बस्ती निवासी महावीर मोदी ने राम भक्ति से प्रेरित होकर सन 1986 में रामनवमी जुलूस निकालने की शुरुआत की थी।