कोडरमा। पूर्व जिला परिषद् अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने कोडरमा जिला के सभी महाविद्यालयों को विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग से हटाकर नवनिर्मित सर जेसी बोस विश्वविद्यालय गिरिडीह में सम्मिलित किए जाने के निर्णय का कड़ा विरोध किया है। इस संबंध में राज्य सरकार से अपील की है कि वह इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर जगन्नाथ जैन काॅलेज को गिरिडीह के सर जेसी बाॅस में जोड़ने के बजाय जे.जे काॅलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाए, ताकि कोडरमा के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की जरूरत न पड़े और वे अपने ही जिले में बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सके।
वहीं उन्होंने कहा कि जगन्नाथ जैन काॅलेज सभी आवश्यक मापदंडों को पूरा करता है जो एक विश्वविद्यालय बनने के लिए जरूरी होते हैं। यहां पर वर्तमान में विभिन्न संकायों में लगभग 8000 से 10000 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके अलावा, डोमचांच में निर्मित महिला डिग्री काॅलेज की पढ़ाई भी फिलहाल जगन्नाथ जैन काॅलेज में ही संचालित हो रही है, क्योंकि डोमचांच महिला काॅलेज की बिल्डिंग तो बनकर तैयार है, लेकिन प्रोफेसर और कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। वहीं उन्होंने कहा कि हाल ही में रांची काॅलेज को श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। इसी तरह कोडरमा के जगन्नाथ जैन काॅलेज को भी विश्वविद्यालय का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोडरमा जिला एक भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां की सड़क और रेल नेटवर्क से जगन्नाथ जैन काॅलेज पहुंचना बेहद आसान है। ऐसे में अगर इस काॅलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाता है, तो हजारीबाग, गिरिडीह, और कोडरमा क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को विशेष लाभ मिलेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि जगन्नाथ जैन काॅलेज को सरकार द्वारा भी प्रीमियम काॅलेज के रूप में मान्यता दी जा चुकी है। काॅलेज के आधुनिकीकरण के लिए कैबिनेट में डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) भी भेजी जा चुकी है। इस योजना के तहत लगभग 80 से 90 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है, जिसमें नए भवनों का निर्माण, आडिटोरियम, कैंटीन, इंडोर और आउटडोर स्टेडियम जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। वहीं उन्होने कहा है कि सरकार को जल्द से जल्द इस प्रस्ताव को पारित कर निविदा निकालनी चाहिए, जिससे कोडरमा जिले के छात्रों को हजारीबाग जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उन्हें अपने ही जिले में बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं मिल सकेंगी। ऐसे में जगन्नाथ जैन काॅलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा मिलना न केवल कोडरमा, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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