नई दिल्ली: एससी, एसटी आरक्षण में उच्चतम न्यायालय द्वारा क्रीमी लेयर और उपवर्गीकरण करने के फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा व भीम आर्मी द्वारा बुलाए गए भारत बंद का पूरे देश में मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। इस बंद का समर्थन विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी किया है, जिससे इसका प्रभाव कई शहरों में स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। बिहार के जहानाबाद में इसका असर सुबह से ही दिखाई देने लगा। यहां के प्रमुख मार्गों, विशेषकर पटना-गया राष्ट्रीय मार्ग के ऊंटा मोड़ के पास बड़ी संख्या में बंद समर्थकों ने सड़क को जाम कर दिया। इस जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं, जिससे आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भारत बंद समर्थकों ने सरकार से मांग की है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को एक अध्यादेश के माध्यम से रद्द किया जाए।
भारत बंद को जिन पार्टियों का समर्थन हासिल है उनमें हैं-
➤ भारत आदिवासी पार्टी
➤ बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी)
➤ समाजवादी पार्टी (एसपी)
➤ आजाद समाज पार्टी (कांशीराम)
➤ राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)
➤ लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
➤ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम)
➤ भीम आर्मी
किस मांग के लिए भारत बंद?
एनएसीडीएओआर एससी-एसटी और ओबीसी कर्मचारियों के जातिगत आंकड़ों को तत्काल जारी करने की मांग कर रहा है। उसका कहना है कि आंकड़े जारी होने के बाद ही इन वर्गों का सरकारी नौकरियों में उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो पाएगा। इसकी मांगों में एक भारतीय न्यायिक सेवा आयोग की स्थापना करने की भी है ताकि हाई कोर्टों और सुप्रीम कोर्ट में एससी, एसटी, ओबीसी श्रेणी को 50% प्रतिनिधित्व मिल सके।
झारखंड में भारत बंद का असर
झारखंड के चाईबासा में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन के साथ अनुसूचित जाति और जनजाति संगठनों ने बाजारों को बंद करा दिया और वाहनों का परिचालन ठप कर दिया। चाईबासा शहर के तांबो चौक पर सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया है, और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत बंद का झारखंड की राजधानी रांची में भी व्यापक असर दिख रहा है. कटहल मोड़ स्थित एनएच 23 को बंद समर्थकों ने जाम कर दिया है. सड़क के चारों ओर लंबा जाम लगा है. एंबुलेंस भी जाम में फंसी है. लेकिन, बंद समर्थकों ने एंबुलेंस को जाम से नहीं निकाला. बंद समर्थक लगातार सड़क पर आवागमन बाधित करने में लगे हैं.
वही पटना में बंद समर्थकों ने महेंद्रु अंबेडकर हॉस्टल के पास सड़क को जाम कर दिया और आगजनी की। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है और शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। अलवर में भी भारत बंद का असर देखा गया है। बाजारों में दुकानें बंद हैं और सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं। जिला कलक्टर ने कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है, जबकि पुलिस प्रशासन लगातार राउंड पर है। हालांकि, जिले में शांति का माहौल बना हुआ है।
केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
दरभंगा में भीम आर्मी और अन्य दलित संगठनों ने बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन का चक्का जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की आलोचना करते हुए इसे अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के खिलाफ एक बड़ी साजिश करार दिया और सरकार से मांग की है कि इस फैसले को वापस लिया जाए। उत्तर प्रदेश के हरदोई में भारत बंद का असर नहीं दिखा। रोजाना की तरह दुकानें खुली रहीं। भारत बंद को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है। शहर के हर चौराहे पर पुलिस फोर्स तैनात है। अमरोहा में बंद समर्थकों ने हाथों में नीला झंडा और तिरंगा लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
बता दें, उच्चतम न्यायालय में काफी लंबे समय से सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए एससी, एसटी वर्ग को सब कैटेगरी में रिजर्वेशन दिए जाने की मांग का मामला लंबित था। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में एक अगस्त को बड़ा फैसला सुनाते हुए अपने ही 2004 के पुराने फैसले को पलट दिया। इसके बाद न्यायालय ने पंजाब अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2006 और तमिलनाडु अरुंथथियार अधिनियम पर अपनी मुहर लगाकर कोटा के अंदर सब कैटेगरी को मंजूरी दे दी।
भारत बंद का असर
भारत बंद के दौरान हॉस्पिटल, एंबुलेंस जैसी तमाम आपातकालीन सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है। बंद का सबसे ज्यादा असर बिहार में देखा जा रहा है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी बंद का असर देखा जा रहा है। बंद के मद्देनजर स्थानीय प्रशासनों ने स्कूलों, दफ्तरों को बंद रखने का आदेश जारी किया है।