रामगढ़ । रामगढ़ छावनी परिषद का विलय शहरी क्षेत्र (सिविल एरिया) में होना है। इसको लेकर रक्षा मंत्रालय, राज्य सरकार और रामगढ़ जिला प्रशासन काफी गंभीर भी है। लेकिन तीन बिंदुओं पर आ रही अड़चन इस विलय को जटिल बना रही है। इस समस्या को कैसे दूर किया जाए इसके लिए रामगढ़ डीसी चंदन कुमार ने चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। शुक्रवार को डीसी ने बताया कि झारखंड राज्य के अर्बन डिपार्मेंट को छावनी परिषद की तरफ से संपत्ति का ब्योरा तो दे दिया गया है, लेकिन इस बिंदु पर सस्पेंस रखा गया है कि वास्तव में कितना क्षेत्र नगर परिषद में विलय होगा। डीसी ने बताया कि छावनी परिषद की ओर से एक पत्र और लिखा गया है, जिसमें यह इच्छा जाहिर की गई है कि वे छावनी परिषद का कुछ क्षेत्र अपने ही अधीन में रखना चाहते हैं। इसके अलावा रामगढ़ शहर में नक्शा कैसे बनेगा इस आधार पर भी कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हो पाया है।
सबसे बड़ी अड़चन छावनी परिषद में कार्यरत कर्मचारियों को लेकर है। उन कर्मचारियों का भविष्य क्या होगा? यह जानने के लिए भी छावनी परिषद इच्छुक है कि वे लोग इस बात पर राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करना चाहते हैं कि छावनी परिषद में कार्यरत कर्मचारी का नगर परिषद में विलय होगा या फिर उन्हें छावनी क्षेत्र में ही रहकर किसी अन्यत्र जगह स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
एसडीओ के नेतृत्व में बनी चार सदस्यीय कमेटी
डीसी ने बताया कि चार सदस्यों कमेटी का नेतृत्व एसडीओ मोहम्मद जावेद हुसैन कर रहे हैं। इसमें सीओ, कार्यपालक अभियंता स्तर के पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया है। यह कमेटी क्रमवार सभी बिंदुओं पर क्रमवार समाधान निकालने का प्रयास करेगी। सबसे हम बात यह है कि 72 घंटे के अंदर यह कमेटी एक रिपोर्ट सौंपेगी जिसमें यह स्पष्ट होगा कि छावनी परिषद क्षेत्र का नगर परिषद क्षेत्र में विलय को लेकर आगे की प्रक्रिया क्या अपनानी होगी।