खूंटी। बाबा आमरेश्वर धाम में श्रावणी मेला के लगते 50 वर्ष पूरे हो गए। इसके साथ ही धाम परिसर की देखरेख करने के लिए गठित बाबा आमरेश्वर धाम प्रबंध समिति के गठन के भी 50 साल पूरे हो गए। मौके पर समिति के अध्यक्ष लाल ज्ञानेंद्रनाथ शाहदेव, महामंत्री मनोज कुमार, संस्थापक सदस्य रमेश मांझी, मुनी नाथ मिश्रा और अन्य सदस्यों ने धाम परिसर में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर समिति के कार्यों की जानकारी दी। अध्यक्ष और महामंत्री ने बताया कि 1973 में बाबा आमरेश्वर धाम परिसर में श्रावणी मेले की शुरुआत हुई थी।
उन्होंने कहा की 1927 में जब खूंटी क्षेत्र का सर्वे हुआ, तो बिचना मौजा के नक्शा के सीट नंबर एक में प्लॉट नंबर 205 जिसका रकबा 0.5 एकड़ को शिव स्थान के नाम से अंकित किया गया है। खतियान में महादेव सोकड़ा के नाम का उल्लेख है। ग्रामीण इस स्थान पर पहले से ही पूजा-पाठ करते आ रहे थे। 1960 के दशक में आर साहू नामक बस के मालिक ने आम पेड़ के नीचे शिवलिंग को देख और दूसरे दिन वहां की साफ सफाई करकर पूजा-पाठ किया।
धीरे-धीरे इसकी प्रसिद्धि फैलती गई और भक्तों की भीड़ यहां बढ़ने लगी। समिति की अध्यक्ष लाल ज्ञानेंद्र नाथ शाहदेव और महासचिव मनोज कुमार ने बताया कि 1973 में खूंटी, तोरपा, मुरहू के लोगों ने मिलकर इस स्थान को विकसित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया जिसका नाम रखा गया श्री श्री 1008 अंगराबारी भोलेबाबा। उसी वर्ष से यहां श्रावण माह में मेला और हरि कीर्तन का शुभारंभ हुआ। 1973 में सारा कार्यक्रम तिरपाल क नीचे आयोजित किया गया।
समिति के पहले अध्यक्ष बने खूंटी के वरिष्ठ अधिवक्ता गोविंद चंद्र महतो उर्फ फत्तू और महामंत्री महेश मिश्रा। फत्तू बाबू के बाद आशुतोष भगत अध्यक्ष बने और बाद में लाल ज्ञानेंद्र नाथ शाहदेव जो वर्तमान में अध्यक्ष है और 1978 से इसका दायित्व संभाल रहे हैं। महेश मिश्रा के बाद 1985 में सुरेंद्र कुमार मिश्रा समिति के महामंत्री बने। 2020 में उनके निधन के बाद मनोज कुमार समिति के महामंत्री बने। बताया गया कि 1979 में इस बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती आए थे और उन्होंने श्री श्री 1008 अंगराबारी भोलेबाबा का नाम आम्रेश्वर बाबा किया।
समिति का नाम भी बदलकर बाबा आम्रेश्वर धाम प्रबंध समिति हो गया। 1983 में यहां नंदी की प्रतिमा स्थापित की गई। 1983 में माता पार्वती मंदिर, 1985 में श्री राधाकृष्ण मंदिर, 1987 में काली मंदिर और 2007 में यहां की शान दुर्गा मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई। 2018 में शनि देव मंदिर का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि धाम परिसर के विकास में लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद साहू, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, विधायक कोचे मुंडा, पूर्व विधायक पौलुस सुरीन सहित जिला प्रशासन का भी काफी सहयोग मिला।
बताया गया कि क्षेत्र भक्तों की सुविधा के लिए दो बड़े-बड़े शेड का निर्माण कराया गया है। साथ ही विवाह मंडप, कीर्तन मंडप, पांच छोटी-बड़ी धर्मशाला, बच्चों के लिए पार्क, तालाब, कुआं आदि का निर्माण समिति द्वारा कराया गया है।