कोडरमा। आठ सूत्री मांगों को लेकर 5 अक्टूबर से जारी सेविका सहायिका की बेमियादी हड़ताल जारी रखने का आह्वान किया गया है। यह निर्णय बुधवार को ब्लाॅक परिसर झुमरीतिलैया में झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका यूनियन (सीटू) की जिला स्तरीय बैठक में लिया गया। ज्ञात हो कि मंगलवार देर रात को झारखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं के नियमावली में संशोधन करने का प्रस्ताव लिया गया है।
वहीं बैठक को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि झारखंड सरकार की कैबिनेट ने नियमावली में संशोधन का जो प्रस्ताव पारित किया गया है, वह सेविका सहायिकाओं के लिए सिर्फ लाॅलीपाॅप है। हर साल मानदेय बढ़ाने की प्रक्रिया सरल करने और जुलाई 2023 से एरियर के साथ लागू करने और अनुकम्पा में बहुलता शब्द को हटा दिया गया है, जो नाकाफी है।
वहीं सेविका सहायिकाओं की आठ सूत्री मांगों में वेतनमान देने, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ग्रेच्युटी देने, रिटायर्मेंट के बाद सेविका को 10 लाख एवं सहायिका को 5 लाख एकमुश्त राशि देने, वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन देने और मार्केट रेट पर पोषाहार राशि देने की प्रमुख मांग शामिल है। जिस पर कोई विचार नहीं किया गया है। जिससे सेविका सहायिका में काफी रोष है। इसलिए कैबिनेट का प्रस्ताव का विभाग द्वारा लिखित आदेश जारी होने और उसका अध्ययन करने के बाद ही दुर्गापूजा के बाद आगे की आंदोलन की घोषणा की जाएगी, तब तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया गया। वहीं आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी ने कहा कि इस बार झारखंड सरकार के झांसे में नहीं आने वाले हैं, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
बैठक में संतोषी कुमारी, कविता यादव, शकुन्तला मेहता, मंजू मेहता, बेबी देवी, गुंजा कुमारी, सुरेन्द्र पाण्डेय, शोभा प्रसाद, नीलम यादव, कुमारी अनामिका, विमला देवी, हीना, कंचन देवी, संध्या बर्णवाल, सुमैया जमीर, संतोषी देवी, रानी, संध्या, उमा मोदी, रामदुलारी, सरवरी खातुन, रेखा रजक, पिंकी, चमेली, मनीषा, नूतन सिहं, रेश्मा, फरीदा, फिरोजा, तर्रनुम, उषा, कोमन, जैनब, ललिता, मीना एक्का, संगीता, गीता, साजदा, मंजू, अनीता, मुन्ना रजक सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।