शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में भारी बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। शिमला सहित कई जिलों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। कई जगह बादल भी फटे। इस बीच आपदा से निपटने में हिमाचल प्रदेश को राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बाद अब तमिलनाडु सरकार से भी आर्थिक मदद मिली है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को बताया कि प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हुई तबाही के दृष्टिगत तमिलनाडु सरकार ने आपदा राहत कोष-2023 के लिए 10 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। सुक्खू ने इसके लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के योगदान से आपदा की इस घड़ी में जरूरतमंदों को मदद मिलेगी। उन्होंने आम जनता से आपदा राहत कोष-2023 में उदारतापूर्वक योगदान की अपील की ताकि प्रभावित परिवारों को अधिकतम राहत प्रदान की जा सके।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में आपदा में प्रभावितों की मदद के लिए आपदा राहत कोष का गठन किया है। अब तक आपदा राहत कोष में 114 करोड़ से अधिक की राशि एकत्रित की जा चुकी है। प्रदेश सरकार का दावा है कि हिमाचल में मानसूनी आपदा में 10 हज़ार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। राज्य में पिछले 48 घण्टों के दौरान वर्षा से जुड़े विभिन्न हादसों में 14 लोग मारे गए हैं और छह लापता हैं। इस दौरान राज्य के 24 स्थानों पर भूस्खलन और तीन स्थानों पर बाढ़ की घटनाएं हुईं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं में छह लोगों की जान गई, जबकि बारिश से जुड़े अन्य हादसों में आठ लोगों ने दम तोड़ा। मंडी जिला में पांच, कांगड़ा में तीन, शिमला में तीन, सिरमौर, बिलासपुर व चम्बा में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। शिमला के ढली थाना अंतर्गत ब्लदयां में कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रही मजदूर दम्पति की मलबे की चपेट में आने से मौत हुई। इसके अलावा मशोबरा विकास खण्ड के डुमहर गांव में निर्माणाधीन गेट गिरने से पांच वर्षीय बालक की मौत हुई। बुधवार की शाम बालक घर के आंगन में खेल रहा था कि अचानक निर्माणाधीन गेट गिरने से उसके सर पर गहरी चोट लगी और अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मानसून सीजन में 2237 घर गिरे, 9924 घरों में दरारें
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी और अब तक मानसून सीजन में वर्षा से जुड़े हादसों में 361 लोगों की जान गई है और 40 लापता हैं। 342 लोग घायल हुए हैं। भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से 136 लोग मारे गए हैं। अन्य वर्षा जनित हादसों में 225 लोगों की मौत हुई। मानसून सीजन में 2237 मकान, 300 दुकानें और 4783 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हुईं, जबकि 9924 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। बीते दो महीने में राज्य के 155 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 63 स्थानों पर बाढ़ आई। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 8291 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है।