रांची/चान्हो/मांडर: झारखंड सरकार की महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और अहम पहल के तहत कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने चान्हो और मांडर प्रखंड कार्यालय परिसरों में विभिन्न योजनाओं का वितरण किया। इस अवसर पर उन्होंने 76 महिलाओं के बीच सिलाई मशीनें, आपदा राहत कोष, सड़क दुर्घटना में मृतकों के आश्रितों को मुआवजा, अलवृष्टि से क्षतिपूर्ति, तथा बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत लाभुकों को प्रमाण पत्र वितरित किए।
मंत्री शिल्पी ने अपने संबोधन में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को उद्धृत करते हुए कहा, “समाज का विकास उस समाज में महिलाओं की स्थिति से परखा जाता है।” उन्होंने कहा कि झारखंड में सरकार के निरंतर प्रयासों से महिलाएं आज आत्मनिर्भर और सबल बन रही हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को सिलाई मशीन वितरण जैसे प्रयासों को गंभीरता से लेना चाहिए और स्वरोजगार की दिशा में सामूहिक रूप से कदम बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों से जुड़कर महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, बल्कि समाज में उनकी एक स्वतंत्र पहचान भी बनेगी।
शिल्पी नेहा तिर्की ने अधिकारियों से अपील की कि वे लाभुकों तक योजनाओं की जानकारी पहुँचाने में अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाएं। उन्होंने कहा कि कई ग्रामीण लाभ मिलने के बावजूद इससे अनजान हैं क्योंकि उन्हें समय पर सूचना नहीं मिलती। प्रखंड कार्यालयों को लाभुकों की सूची सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करनी चाहिए।
प्रमुख वितरण विवरण:
- चान्हो: JSLPS सभागार में 36 महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित की गई। आपदा राहत कोष और सड़क दुर्घटना पीड़ितों के परिजनों को चेक भी प्रदान किए गए।
- मांडर: 40 महिलाओं को सिलाई मशीनें दी गईं। बिरसा हरित ग्राम योजना के लाभुकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
इस मौके पर चान्हो और मांडर के BDO, CO, अंचल अधिकारी, कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष मोहम्मद इश्तियाक, मुखिया शिव उरांव, अब्दुल्ला अंसारी, यास्मीन, सरिता देवी, अजीत सिंह, दिलीप सिंह, जमिल मल्लिक समेत कई स्थानीय नेता उपस्थित रहे।
यह पहल न केवल ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक उत्थान की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह झारखंड में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के सरकार के संकल्प को भी दर्शाता है।