रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में खूंटी की तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल की भूमिका की जांच के संबंध में स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई पूरी कर सोमवार को जनहित याचिका निष्पादित करते हुए मामला बंद कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि अब इसमें कोई मुद्दा शेष नहीं है, पुलिस और एसीबी की ओर से मामले में जांच की गई है। मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने बहस की।
उल्लेखनीय है कि खूंटी में मनरेगा योजनाओं में 200 करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था। उस दौरान पूजा सिंघल खूंटी की डीसी थी। इस मामले में खूंटी जिला के विभिन्न पुलिस थानों में 16 प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। बाद में खूंटी पुलिस से जांच लेकर एसीबी को सौंपा गया। अरुण कुमार दुबे ने आरोप लगाया था कि एसीबी से पूरे मामले की जांच करायी गयी, लेकिन उसमें तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल की भूमिका की जांच नहीं की गयी। उपायुक्त के द्वारा ही चेक पर हस्ताक्षर किया जाता था। उनकी भूमिका की ईडी से जांच कराने का आग्रह किया गया।
अरुण कुमार दुबे ने जनहित याचिका दायर कर खूंटी की तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल की भूमिका की जांच कराने की मांग की थी। बाद में हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत संज्ञान लिया था।