भीषण गर्मी के चलते हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। उत्तर भारत में पारा हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है। राजधानी दिल्ली से लेकर हिमाचल प्रदेश तक, हर तरफ सूरज की तपिश का कहर है। गर्मी ऐसी है कि पंखे और कूलर जवाब दे चुके हैं और एयर कंडीशनर से ही कुछ राहत मिल पा रही है। मई-जून की गर्मी में घरों- ऑफिस में एसी आपको गर्मी में ही सर्दी जैसा अहसास दिला देता है। गर्मी में घंटों लगातार एसी चलता है और अगर आपने कुछ गलतियां कर दीं तो एसी में ब्लास्ट जैसी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
हाल ही में नोएडा और मुंबई में एसी में ब्लास्ट होने की खबरें सामने आई हैं। नोएडा की एक हाई-राइज़ बिल्डिंग में तो एसी में हुए ब्लास्ट से पूरा फ्लैट आग की चपेट में आ गया है। इसलिए जरूरी है कि एसी चलाते समय सावधानी बरतें और किसी तरह की लापरवाही ना करें। सही समय पर एसी से जुड़ी जरूरी बातों पर ध्यान देकर आप एसी में किसी तरह की आग लगने की घटना से बच सकते हैं। हम आपको बता रहे हैं आखिर AC में क्यों लगती है आग? जानें इससे बचने के तरीके…
क्यों होता है AC ब्लास्ट?
-सबसे बड़ा कारण है गलत तरीके से एसी का रखरखाव और इंस्टॉलेशन। अगर आप समय पर एसी की सर्विस नहीं करवाते हैं और देर तक एसी चलता रहता है तो मशीन जरूरत से ज्यादा गर्म होती है और यह गर्मियों में ब्लास्ट की वजह बन सकता है। जरूरी है कि प्रोफेशनल टेक्नीशियन से ही एसी इंस्टॉल करवाएं और साल में कम से कम एक बार सर्विसिंग जरूर करवाएं।
-एयर कंडीशनर में खराब वायरिंग, लूज कनेक्शन और शॉर्ट सर्किट भी ब्लास्ट का कारण बन सकते हैं। एसी में गैस लीकेज से भी ब्लास्ट हो सकता है।
-कई बार ऐसा होता है की एसी ठीक से कूलिंग नहीं कर रहा होता लेकिन हम उसे चलाते रहते हैं। ऐसा करने से एसी पर जोर पड़ता है और यह गरम होकर फट सकता है।
-एक और चीज जिसकी वजह से एसी में ब्लास्ट हो सकता है और वो है टर्बो मोड। जी हां, कई बार तेजी से कूलिंग चाहने के लिए हम Turbo Mode को ऑन कर देते हैं और लंबे समय तक इस मोड में एसी चलाना खतरनाक हो सकता है।
एसी ब्लास्ट से बचाव के क्या हैं तरीके?
-जब भी घर या ऑफिस में एसी लगवाएं तो हमेशा प्रोफेशनल इलेक्ट्रिशियन या कंपनी से आए टेक्निशियन को ही बुलाएं। इसके अलावा बीच-बीच में इलेक्ट्रिकल सेफ्टी जांच भी करवाते रहें।
-जानकारों के मुताबिक, लगभग 600 घंटों के इस्तेमाल के बाद AC की सर्विसिंग कराना जरूरी होता है।
-अगर आपको एसी में से थोड़ी भी गैस लीकेज की बदबू लगे तो तुरंत इसे ऑफ कर दें और टेक्निशियन को दिखाएं।
-टर्बो मोड में कुछ समय तक एसी चलाने के बाद इसे वापस नॉर्मल मोड पर कर दें। नॉर्मल स्पीड में एसी चलाने से ब्लास्ट होने के खतरे से बचा जा सकता है।
-नियमित तौर पर सफाई और सर्विस की कमी कई बार एयर कंडीशनर के फटने की वजह बनती है। इसलिए जरूरी है कि एसी की साफ-सफाई पर ठीक तरह से ध्यान दें।
-अगर आपके एसी में रेफ्रिजरेंट यानी गैस का लेवल बहुत कम है तो इससे भी यूनिट ज्यादा गर्म होकर ब्लास्ट हो सकती है। अपने मैन्युफैक्चरर से मिले मैनुअल को फॉलो करें और उसी के हिसाब से एसी में गैस डलवाएं।
-इसके अलावा भीषण गर्मी में एसी के ट्रिप होने की शिकायतें बढ़ जाती हैं। ओवरहीटिंग से एसी के फटने की संभावना बढ़ जाती है। एसी की आउटडोर यूनिट को हो सके तो छांव में रखें और अगर छत या खुले पर यूनिट रखी है तो उसके ऊपर कोई शेड लगवा दें।
-एसी चलाते समय हर एक से दो घंटे में 5-7 मिनट के लिए इसे ऑफ कर दें।
-टेंपरेचर कंट्रोल करने के लिए एसी के कंप्रेसर या आउटर यूनिट पर चाहें तो थोड़े पानी का छिड़काव भी कर दें।