कोडरमा। मारपीट कर हत्या किए जाने के एक मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय राकेश चंद्रा की अदालत ने शुक्रवार को आरोपी 27 वर्षीय राजेश सिंह पिता सोहर सिंह मेघातरी कोडरमा निवासी को 302 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही दस हजार रूपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं न्यायालय ने राजेश सिंह को 307 आईपीसी में दोषी पाते हुए 7 वर्ष की सजा सुनाई है, साथ ही पांच हजार रूपये जुर्माना भी लगाया है सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी।
मामला 2023 का है, इसे लेकर कोडरमा थाना में मामला दर्ज कराया गया था
अभियोजन का संचालक लोक अभियोजक पीपी एंजेलिना वारला ने किया। इस दौरान सभी 12 गवाहों का परीक्षण कराया गया। कार्रवाई के दौरान अपराध की गंभीरता को देखते हुए पीपी एंजेलिना वारला ने न्यायालय से अभियुक्तों को अधिक से अधिक सजा देने का आग्रह किया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता गोविंद कुमार ने दलीलें पेश करते हुए बचाव किया। अदालत ने सभी गवाहों और साक्षयो का अवलोकन करने के उपरांत उपरोक्त अभियुक्त को 302 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया। वहीं न्यायालय ने 307 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए उपर्युक्त अभियुक्त को 7 वर्ष की सजा सुनाई व पांच हजार रूपये जुर्माना भी लगाया, सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी।
वहीं न्यायालय ने अन्य को साक्षय के अभाव में बरी कर दिया। इसे लेकर सावित्री देवी मेघातरी निवासी ने थाना में आवेदन देकर मामला दर्ज कराया था। थाना को दिए आवेदन में कहा था कि रात्रि करीब 11 बजे घर में सभी लोग सो रहे थे, उसी समय राजेश सिंह, तुनीता देवी, मुनमा मसोमात, कारू सिंह, चंदन सिंह, गुड्डू सिंह बगैर घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस आए और हम सभी को जान मारने की नीयत से लाठी-डंडा से मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिए। मैं किसी तरह तत्काल इलाज के लिए उन लोगों को सदर अस्पताल ले गई जहां, गंभीर अवस्था को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान वीरेंद्र सिंह की मौत हो गई थी।