पूर्णिया। स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के परिवारों को रुपौली के विधायक शंकर सिंह ने सम्मानित कर एक नई परंपरा की शुरुआत की है। आजादी के 76 वर्षों के बाद पहली बार किसी जनप्रतिनिधि ने शहीद परिवारों की सुधि ली, जिससे बलिदानी परिवारों की आंखें नम हो गईं।
25 अगस्त 1942 को रुपौली थाना पर तिरंगा फहराने के दौरान बंगाली सहनी, जागेश्वर सहनी, पांचू बैठा एवं सुखदेव भगत ने अपनी छाती पर गोलियां खाकर बलिदान दिया था। इसी दौरान टीकापटी के जमींदार सूर्यनारायण शेर भी अंग्रेजों की प्रताड़ना से शहीद हुए थे।
विधायक शंकर सिंह और उनकी पत्नी सह जिप सदस्य प्रतिमा सिंह ने सर्वप्रथम मुख्यालय स्थित बलिदान स्थल पर सभी शहीदों की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। तत्पश्चात सहनीटोला में बलिदानी बंगाली सहनी के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके वंशज चलित्तर सहनी और मदन सहनी को अंगवस्त्र व माला पहनाकर सम्मानित किया।
इसी क्रम में विधायक ने बिरौली बाजार में शहीद सुखदेव भगत के परिजनों, आझोकोपा गांव में शहीद पांचू बैठा के पौत्र एवं शिक्षाविद विंदेश्वरी रजक तथा टीकापटी में शहीद सूर्यनारायण शेर के वंशज जयनारायण कौशिक को सम्मानित किया।
क्षेत्रवासियों ने विधायक की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि शंकर सिंह जाति-धर्म से ऊपर उठकर सभी को सम्मान देते हैं। विधायक ने सभी शहीद परिवारों से शहीदों के समाधि स्थल के निर्माण का वादा भी किया।