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रांची। ओबीसी आरक्षण मंच के तत्वावधान में एक दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का आयोजन आगामी 20 अगस्त को धुर्वा के पुराना विधान सभागार में आयोजित किया गया है।
मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने गुरुवार को बताया कि एकीकृत बिहार से 15 नवंबर 2000 को झारखंड नव निर्माण के बाद मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आरक्षण में कटौती कर ओबीसी का 27 प्रतिशत से 14 एवं अनुसूचित जाति का 14 से घटाकर 10 फीसदी कर जनहित में अत्यंत ही अहितकारी निर्णय किया था, जिस कारण बहुसंख्यक वर्ग को आज तक नौकरी एवं रोजगार में बड़े पैमाने पर खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।