पाकुड़।शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री मिसफिका हसन ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए भाजपा कार्यकर्ता को जानबूझकर फसाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर अवैध तरीके से जमीन और संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया है और बिना कोई ठोस आधार के अब मुख्यमंत्री ने पीई दर्ज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब भी कोई खरीद बिक्री होती है तो उसका ऑनलाइन रिकॉर्ड होता है। और यह किसी से छुपती नहीं है। अगर ऐसा कोई मामला था तो उन्हें जिला या आंचल स्तर से इसकी जांच करवाते। ऑनलाइन रिकोर्ट देखते, किंतु ऐसा नहीं किए।
बदले की राजनीति से मुख्यमंत्री भाजपा के कार्यकर्ताओं को फसाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे ऊपर जो भी कुछ आरोप लगाए गए हैं उनमें कहीं कोई सत्यता नहीं है, सारा मामला आधारहीन है ,बेबुनियाद है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी नाकामी को छिपने और ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए बिना कोई ठोस आधार के पीई दर्ज करने की आदेश जारी किया है। जो बदले की भावना की राजनीति है। मिसफिका ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने को साफ छवि वाले नेता कहते हैं तो उन्हें ईडी के सवालों का सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी भ्रष्टाचार बढ़ रहे हैं। भाजपा ने इनकी पोल खोल कर रख दी है।
अब जनता को गुमराह करने के लिए जानबूझकर के भाजपा कार्यकर्ताओं को टारगेट कर रहे हैं। उन्हें साफ और स्पष्ट रूप से कहा की उनके पास किसी भी प्रकार की अवैध संपत्ति या जमीन नहीं है । यह आसानी से पता लगाया जा सकता है। जमीन खरीद बिक्री मौखिक नहीं होता। इसकी सारी ऑनलाइन रिकॉर्ड होती है। पर बिना कोई ठोस आधार के जानबूझकर भाजपा कार्यकर्ता को परेशान करने की नीयत से बदले की भावना की राजनीति से प्रेरित होकर उन्होंने एसीबी जांच का आदेश दिया है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री ने अवैध जमीन एवं संपत्ति अर्जित करने को लेकर भा जा पा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री मिसफिका हसन के खिलाफ पीई दर्ज करने का निर्देश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दी है। इससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है।