भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अदालत पर सवाल उठाते हुए कहा कि “कानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनायेगा, तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए”. दरअसल, निशिकांत दुबे ने यह टिप्पणी उन्होंने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के संदर्भ में की, जो वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के अधीन है. दुबे ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से बाहर जा रहा है और धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए जिम्मेदार है. आगे कहा कि सुप्रीमं कार्ट राष्ट्रपति को तक निर्देश दे रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि यदि हर मामले के लिए लोगों को सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा, तो इसका मतलब है कि संसद और विधानसभा का कोई महत्व नहीं रह जाएगा. उनके इस बयान पर भाजपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे दुबे का व्यक्तिगत बयान करार देते हुए पार्टी की ओर से किसी भी प्रकार की सहमति से इनकार किया. नड्डा ने स्पष्ट किया कि भाजपा न्यायपालिका का सम्मान करती है और ऐसे बयानों का समर्थन नहीं करती.
इस विवाद ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, जहां विपक्षी नेताओं ने दुबे की टिप्पणियों की आलोचना की है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भाजपा नेता अब न्यायपालिका को धमकी देने लगे हैं.