KhabarMantra: आज ईस्टर सोमवार के दिन, रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी पोप फ्रांसिस का निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे और वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली। वेटिकन न्यूज ने उनके निधन की पुष्टि की है।
पोप फ्रांसिस लंबे समय से बीमार थे और हाल ही में निमोनिया की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। हालांकि, लंबे समय तक अस्पताल में रहने के बाद वे हाल ही में छुट्टी पर आए थे। उनकी निधन की खबर से कैथोलिक समुदाय शोक में डूब गया है। वेटिकन सिटी में अब नौ दिनों का शोक घोषित किया गया है।
पोप फ्रांसिस का असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो था। वे 13 मार्च 2013 को पोप बने और लैटिन अमेरिका से पहले पोप बनने वाले पहले व्यक्ति थे। पोप फ्रांसिस को उनके सादे जीवन, उदार विचारों और सामाजिक न्याय के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में कैथोलिक चर्च ने शांति, पर्यावरण संरक्षण, मानवाधिकार और अंतरधार्मिक संवाद को नई दिशा दी। उनके योगदान को हमेशा एक परिवर्तनकारी युग के रूप में याद किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने पोप फ्रांसिस के निधन पर जताया शोक
पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि पोप फ्रांसिस के निधन से उन्हें अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में वह पूरी कैथोलिक समुदाय के साथ खड़े हैं और उनकी संवेदनाएं सभी के साथ हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा कि पोप फ्रांसिस को पूरी दुनिया करुणा, नम्रता और आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक के रूप में याद करेगी। उन्होंने बचपन से ही प्रभु ईसा मसीह के मार्ग पर चलने की शुरुआत की थी और अपनी पूरी जिंदगी गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में लगा दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पोप फ्रांसिस पीड़ितों के लिए आशा की किरण थे और जब उन्होंने उनसे मुलाकात की थी, तब वे उनके समावेशी विकास और सभी के भले के लिए किए गए योगदान से गहरे प्रभावित हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के लोगों के प्रति पोप फ्रांसिस का स्नेह हमेशा याद रखा जाएगा।प्रधानमंत्री ने प्रार्थना की कि भगवान पोप फ्रांसिस को अपनी गोदी में शांति प्रदान करें।