KhabarMantra: जीसीपीएल में कार्यरत सिंह सिक्योरिटी सर्विसेज एवं एमओबीपीएल के मजदूरों ने शुक्रवार को बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर सुबह 6 बजे से कामकाज ठप कर दिया। मजदूरों ने कंपनी कार्यालय के सामने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की।
लगभग 12 घंटे चले इस आंदोलन के दौरान मजदूरों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक उनका वेतन नहीं दिया जाएगा, वे काम पर नहीं लौटेंगे। शाम करीब 6 बजे, जीसीपीएल प्रबंधन द्वारा संबंधित ठेकेदार के खाते में मजदूरों का वेतन भेजे जाने के बाद आंदोलन समाप्त हुआ और मजदूर काम पर लौट गए।
“दूसरे मजदूरों को वेतन, हमें क्यों नहीं?”
आंदोलन कर रहे मजदूरों का कहना था कि जीसीपीएल में कार्यरत अन्य मजदूरों को समय पर वेतन मिल गया, लेकिन उन्हें दो माह से भुगतान नहीं किया गया है। साथ ही, पिछले पांच महीनों से उनका पीएफ भी जमा नहीं किया गया है और अब तक उन्हें ईएसआई कार्ड भी नहीं मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी प्रबंधन एक राजनीतिक दल के दबाव में काम कर रही है और उन्हें न्याय नहीं मिल रहा।
सिक्योरिटी हेड पर गंभीर आरोप
मजदूरों ने जीसीपीएल के सिक्योरिटी हेड जितेंद्र सिंह पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि जितेंद्र सिंह केवल सुरक्षा विभाग ही नहीं, बल्कि सर्वे, एक्सप्लोसिव और मजदूर प्रबंधन से जुड़े कार्य भी देख रहे हैं। वे मजदूरों को डराने-धमकाने का काम करते हैं और रात में अवैध कोयला ढुलाई में भी शामिल हैं। मजदूरों का दावा है कि उनके आने के बाद से प्रबंधन और श्रमिकों के बीच संबंध बिगड़ गए हैं।
प्रबंधन ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
जीसीपीएल के महाप्रबंधक सत्यनारायणण ने मजदूरों के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “एक ही व्यक्ति कंपनी के सभी कार्य कैसे संभाल सकता है? कोयला चोरी जैसी बातों में कोई सच्चाई नहीं है, हमारा कोयला पूरी तरह सुरक्षित है। यदि कोई और मामला है तो वह पुलिस प्रशासन का विषय है।”
इस आंदोलन का नेतृत्व रामपाल, बजरंग सिंह, निमाई राय, पोल्टू राय, नंदकिशोर राउत और जागेश्वर पासवान जैसे श्रमिक नेताओं ने किया।