रांची: झारखंड सरकार के ऊर्जा विकास निगम से 109 करोड़ रुपए अवैध निकासी मामले में झारखंड एटीएस की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. मामले में एक आरोपी के घर छापेमारी कर एटीएस की टीम ने 60 लाख रुपये नगद बरामद किए हैं. झारखंड एटीएस के एसपी ऋषभ झा ने बताया कि छापेमारी में भारी मात्रा में नगद पैसे मिले हैं.
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर द्वारा दी गई जानकारी
बता दें कि, इस मामले में पूर्व में गिरफ्तार हुए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर लोलस लकड़ा द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर एटीएस ने छापेमारी कर पैसे बरामद किए हैं. एटीएस द्वारा की गई पहले की कार्रवाई में 1 करोड़ 23 लाख 20 हजार 300 रुपये नकद के साथ 16 लाख 70 हजार रुपये की कीमत के गहने बरामद किये गए थे. इसके अलावा 350 बैंक खातों में मौजूद 47.20 करोड़ रुपये फ्रीज कराये गए थे. साथ ही सेंट्रल बैंक के एक मैनेजर व जेटीडीसी के दो कर्मियों सहित कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. एटीएस अधिकारियों के अनुसार, जब्त की गई 1.30 करोड़ रुपए ऊर्जा विकास विभाग के खातों से ट्रांसफर की गई राशि 109 करोड़ रुपए का ही हिस्सा है.
राम लखन यादव के यहां छापेमारी
झारखंड सरकार के महत्वपूर्ण उपक्रम पर्यटन विकास निगम लिमिटेड, झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के खाते से लगभग 109 करोड़ रुपये गायब करने के मामले में जांच जारी है. इस दौरान एटीएस ने रांची के डोरंडा इलाके में रहने वाले राम लखन यादव के यहां छापेमारी कर 60 लाख रुपये नगद बरामद किए हैं. दो लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है.
अवैध निकासी के लिए 909 बैंक खातों का इस्तेमाल
जांच में यह पता चला है कि घोटाले का मास्टरमाइंड कोलकाता का रहनेवाला है. उसने अपने गुर्गों, बैंककर्मियों व कुछ सरकारी कर्मियों की मदद से घोटाले को अंजाम दिया है. लेकिन, अब तक वह गिरफ्त से दूर है. 109 करोड़ की अवैध निकासी के लिए 909 खातों का इस्तेमाल किया गया है.
अवैध निकासी मामले में बंगाल के संदिग्ध खाताधारियों और उनके झारखंड लिंक की जांच की जा रही है. सबसे ज्यादा पैसे बंगाल से जुड़े खातों में हस्तांतरित किए गए हैं. जिन खाताधारी के नाम जांच के दौरान उजागर हुए हैं, उनमें से करीब 600 संदिग्ध हैं. एसआईटी की जांच में कई ऐसे खाते मिले हैं, जो छोटे-मोटे कारोबारी से जुड़े हैं. सबकी जांच की जा रही है.
पूरे प्रकरण में 28 सितंबर को रांची के धुर्वा थाने में झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक वित्त ने एफआईआर दर्ज करवाई थी. सीआईडी ने इस केस को टेकओवर किया और 4 अक्टूबर को मामले में एफआईआर दर्ज कराई. इस प्रकरण की जांच के लिए एटीएस के एसपी ऋषभ झा के नेतृत्व में एसआईटी गठित हुई थी. एसआईटी ने अब तक छह आरोपियों को जेल भेजा है.
अब तक कौन-कौन हुए गिरफ्तार
मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें जेटीडीसी के तत्कालीन लेखपाल गिरिजा सिंह, केनरा बैंक हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार, साजिशकर्ता रूद्र उर्फ समीर, रांची के रहने वाले लोकेश्वर शाह, रांची के बिरसा चौक स्थित सेंट्रल बैंक के शाखा प्रबंधक लोलस लकड़ा और इलाहाबाद बैंक के अमर कुमार शामिल हैं. मामले में पुख्ता सबूत के बाद करीब 350 खातों में पड़े 47 करोड़ 20 लाख रुपए को फ्रीज करवाया गया है. इस केस में एक करोड़ 93 लाख रुपए नकदी और 17 लाख रुपए के जेवर अब तक बरामद किए गए.