कोलकाता । आरजी कर मेडिकल कॉलेज से एक वायरल वीडियो सामने आया है, जिसमें एक पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) और एक इंटर्न के बीच की कथित बातचीत ने राज्य में चल रहे एक और संदिग्ध जांच प्रक्रिया की पुष्टि की है। वीडियो में इंटर्न को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि कॉलेज के प्रिंसिपल असली अपराधी को बचाने के लिए जांच को दबा रहे हैं, जिसका “मजबूत राजनीतिक संबंध” है। इस मामले में एक सिविक वोलंटियर को बलि का बकरा बना दिया गया है ताकि उच्च राजनीतिक अधिकारियों को संतुष्ट किया जा सके।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोमवार को सोशल मिडीया पर लिखा, “इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से जुड़े दो इंटर्नों को “हाई-प्रोफाइल जांच समिति” में शामिल करने का असली मकसद क्या था। इसके साथ ही मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख को समिति में शामिल करने का निर्णय भी इसी दिशा की ओर इशारा करता है कि पीड़िता को मानसिक रोगी साबित करने की कोशिश हो रही है।”
उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी के शासन में पीड़ितों के चरित्र हनन की घटनाएं नई नहीं हैं। स्पष्ट सबूतों के बावजूद, पुलिस इसे आत्महत्या कहने पर तुली हुई है।
ममता बनर्जी के शासन में बंगाल अपराधियों को बचाने और पीड़ितों को दोषी ठहराने के एक अभूतपूर्व मार्ग पर जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “बंगाल में एक खतरनाक परंपरा स्थापित की जा रही है। जैसा कि इंटर्न ने निष्कर्ष निकाला, यह केवल आरजी कर नहीं है जो “बर्बाद” हो गया है, बल्कि ममता बनर्जी के शासन में प्रशासन भी बर्बाद हो रहा है। शिक्षा, उद्योग और अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के बाद अब वह राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को भी ध्वस्त करने पर तुली हुई हैं।”