कोडरमा। राष्ट्रीय झारखंड सेवा संस्थान चोपनाडीह एवं सिमरिया पंचायत के 10 गांव में बच्चों का सुरक्षा संरक्षण और सर्वांगीण विकास पर सघन रूप से कार्य प्रारम्भ किया है। इसी कड़ी में गावं में बाल मंच एवं बाल संरक्षण समिति का गठन भी किया गया है। इन संगठन का काम ही है बच्चों का सुरक्षा एवं अधिकार को सुनिश्चित करना। वहीं बाल मंच की बैठक के दौरान बच्चों के द्वारा (संगीता कुमारी) काल्पनिक नाम की शादी की सूचना सुनीता देवी आरजेएसएस कार्यकर्ता को मिली।
वहीं सुनीता देवी ने सबसे पहले गांव में जाकर स्कूल एवं समुदाय के लोगों से बात की और लड़की के घर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। सही पाए जाने पर मरकच्चो के बीडीओ हुलास महतो और थाना प्रभारी सौरव शर्मा से संपर्क किया। बीडीओ और पुलिस अधिकारी ने पहल करते हुए पहुंचकर परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग की। काउंसलिंग के दौरान सुनीता (सामुदायिक संगठक), राजेंद्र (एलसीएफ), सूरज (सीएफ) समेत अन्य लोग मौजूद थे।
काउंसलिंग के दौरान परिवार ने अपनी समस्याओं को साझा की और शादी की तारीख 16 जुलाई तय की गई थी इस बात को स्वीकार किया। वहीं बीडीओ हुलास महतो के द्वारा बाल विवाह के दुष्परिणाम और इसके कानून के बारे में बताया गया। समझाने के बाद परिवार ने बाल विवाह को रोकने का निर्णय लिया। बीडीओ ने बच्ची का नामांकन कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में करवाने को लेकर अस्वासन दिया और तुरंत बच्ची के सावित्री बाई फुले योजना में हो रहे देरी पर त्वरित करवाई करते हुए सम्बंधित पदेन व्यक्ति से बात कर योजना से जुडाव का निर्देश दिया।
बीडीओ हुलास महतो ने निजी तौर बच्ची को दशमी के बाद पढ़ाई का लिया जवाबही। उन्होंने कहा कि बच्ची को दसवीं के बाद जिस भी तरह का सहयोग का जरूरत होगा मैं निजी तौर पर करूंगा और उच्च शिक्षा तक पढ़ाई पूरी कराऊंगा। वहीं थाना प्रभारी ने बच्ची को बताया की कोई भी परेशानी होने में तुरंत उनसे सम्पर्क करें। उन्होंने चैकीदार को भी बच्चे का लगातार फाॅलोअप के लिए निर्देश दिया।
वहीं राष्ट्रीय झारखंड सेवा संस्थान और स्थानीय प्रशासन की इस त्वरित और संयुक्त कार्रवाई की वजह से एक नाबालिग लड़की का जीवन संवारने में मदद मिली है। इस पहल ने बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है।