कोडरमा। पर्व-त्योहार के साथ क्षेत्र में लोकतंत्र के महापर्व चुनाव का भी समापन हो गया है़। कौन विधायक बनेगा और किसकी बनेगी सरकार को लेकर चैक चैराहों पर चर्चाओं का बाजार गर्म है, पर इससे अलग हटकर किसान तैयार हो चुकी धान की कटाई शुरू कर दी है। वहीं कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि खेत में तैयार धान की फसल तथा कूटकर खलिहान में रखे गयी धान की फसल की सुरक्षा इस समय अत्यंत जरूरी है़। अगर फसल का ध्यान नहीं रखा गया, तो नुकसान उठाना पड़ सकता है़। कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसान कई उपाय कर अपनी धान की तैयार फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।
अत्यधिक शुष्क या तेज सूर्य प्रकाश में न सुखाये धान
कृषि विज्ञान केंद्र जयनगर के एग्रो फाॅरेस्ट्री आॅफिसर रूपेश रंजन के अनुसार धान की सुखी कटाई 20-22 प्रतिशत नमी पर करें, पर इस नमी पर धान का भंडारण नहीं किया जा सकता है़। धान को अत्यधिक शुष्क या तेज सूर्य प्रकाश में नहीं सुखाना चाहिए़। सूखने के लिए सीमेंट के फर्श व तिरपाल का उपयोग करें। श्री कुमार ने बताया कि समय पर कटाई करें, ऐसा नहीं करने पर फसल जमीन पर गिरकर खराब हो सकती है। नमी वाले वातावरण में कटाई नहीं करें। कटाई के उपरांत धान को बारिश व नमी से बचाना चाहिए़।
बोरे में बंद धन को बचाने के लिए भंडार गृह में धान की प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से अल्युमिनियम फास्फाइड से धुंआ देना है हवा का रुख देखकर भंडारण करें। भंडारण के लिए धान के बोरे के बीच हवा के संरचना के लिए पर्याप्त जगह रखें। कीटों से बचाव के लिए मालविया 50 प्रतिशत 10 लीटर पानी में एक लीटर मिलाकर छिड़काव करें, वह भी 21 दिनों के अंतराल में।