खूंटी। सरना धर्म सोतोः समिति, केंद्र डौगड़ा के तत्वावधान में सरना धर्म प्रार्थना सभा की शुरुआत हुई। धर्मगुरु बगरय मुंडा, धर्मगुरु भैयाराम ओड़ेया, धर्मगुरु सोमा कंडीर और बिरसा कंडीर की अगुवाई में अनुयायियों के साथ सरना स्थल में भगवान सिङबोंगा का पूजा-पाठ कर सुख, शांति और खुशहाली की कामना की और पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
समारोह में मुख्य अथिति के रूप में जिला परिषद अध्यक्ष मसीह गुड़िया और विशिष्ट अथिति के तौर पर डॉ सीताराम मुंडा और सुखराम पूर्ति मौूजद थे। मुख्य अतिथि ने कहा कि सरना विश्व का सबसे पुराना धर्म है, जो पूर्णतः वैज्ञानिकता पर आधारित है। सामाजिक एकता व एकजुटता के बिना समृद्ध समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। समाज से छुआछूत और ऊंच-नीच जैसी बुराइयों को समाप्त करने की जरूरत है। सबको समाज में समान अधिकार मिलना चाहिए, ताकि समाज में प्रेम व भाईचारा सदा कायम रहे। सरना धर्म और सामाजिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों अक्षुण्ण बनाये रखना हम सबका कर्तव्य है। इस अवसर पर विशिष्ट अथिति डॉ सीताराम मुंडा ने कहा कि भगवान सिङबोंगा की स्तुति से मन-आत्मा में भक्ति व श्रद्धा आती है और समाज में प्रेम व भाईचारा पनपता है। हमें समृद्ध समाज के लिए हमेशा समाजिक सिद्धांतों का अमल करना चाहिए।