कोडरमा। प्रकृति पर्व सरहुल महोत्सव के अवसर पर जिले में उत्साह देखने को मिला। वहीं मरियमपुर में आदिवासी संघ के अध्यक्ष पवन माइकल कुजूर की अध्यक्षता में सरहुल महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम से पहले सभी अतिथियों का स्वागत आदिवासी परंपरा के अनुसार किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माइकल कुजूर ने कहा कि सरहुल का त्योहार प्रकृति की उपासना का प्रतीक है, हमें जल, जंगल और प्रकृति को बचाने के लिए आगे आना होगा, तभी मानव जीवन संरक्षित हो पायेगा। सरहुल महोत्सव में तिलैया बस्ती, झरना कुंड, नलवा, ढोढाकोला, अबनतरी, बेंदी, भीतिया आदि सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आये आदिवासी समाज के युवक युवतियों ने पारंपरिक परिधान धारण कर मांदर की थाप पर जमकर आकर्षक नृत्य किया। इसके पूर्व सरना स्थल पर पाहन के नेतृत्व में पूजा अर्चना की गई।
वहीं सरना स्थल लक्खीबागी से पारंपरिक विधि विधान से पूजा पाठ के बाद शोभायात्रा काॅलेटेक्स, हनुमान मंदिर, गांधी चैक, सहाना रोड होते हुए पुनः सरना स्थल पहुंची। इस शोभायात्रा में पारंपरिक वेशभूषा में हजारों की संख्या में महिलाएं पुरुष बच्चे शामिल हुए, जो ढोल मांदर के थाप पर झूमते नजर आए। शोभा यात्रा के दौरान कोडरमा पुलिस के द्वारा पुलिस बल की तैनाती की गई। इस दौरान रांची पटना मुख्य मार्ग में घंटो जाम की स्थिति बनी रही। मौके पर कृष्णा बलमुचू, तुरण टोप्पो, नन्दू उरांव, प्रमोद किंडो, जीवन टोप्पो, दीपक मुंडा, राजीव, रूपेश मुना, फ्रांसिस समेत दूर दराज से आये आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थे. वहीं जुलूस के दौरान थाना प्रभारी और पुलिस बल भी साथ मौजूद थी।