कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए डॉक्टर रेप-मर्डर केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 50 हजार का जुर्माना लगाया गया है। 9 अगस्त, 2024 को हुए इस जघन्य कांड के 164 दिन बाद सियालदह कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है। इससे पहले संजय रॉय को दोषी ठहराते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने कहा था कि वो इस मामले में दोषी है। उसे उसके किए की सजा जरूर मिलनी चाहिए।
अपने फैसले में कोर्ट ने राज्य सरकार को बलात्कार और हत्या मामले में पीड़ित डॉक्टर के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। वहीं, पीड़िता के माता-पिता ने सियालदह अदालत के जज से कहा, हमें मुआवजा नहीं, न्याय चाहिए।
जज ने संजय से क्या कहा
महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी करने वाले संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत के दोषी पाया गया है। इन धाराओं के तहत अपराधी को अधिकतम सजा-ए-मौत या आजीवन कारावास दिए जाने का प्रावधान है। सजा सुनाने से पहले जज ने संजय से कहा, ”मैंने तुम्हें पहले ही बताया था कि तुम पर लगाए गए सभी आरोप जैसे बलात्कार और हत्या के आरोप साबित हो चुके हैं।”
संजय ने खुद को बताया बेगुनाह
इस पर संजय रॉय ने कहा, ”मुझे बिना किसी वजह के फंसाया गया है। मैं हमेशा रुद्राक्ष की माला पहनता हूं। यदि मैं अपराध करता तो क्राइम सीन पर ही माला टूट जाती। मुझे बोलने नहीं दिया गया। कई कागजों पर जबरदस्ती साइन करवाए गए।”
सीबीआई वकील ने फांसी की सजा मांग की थी
कार्यवाही के दौरान सीबीआई के वकील ने दोषी संजय रॉय को कड़ी से कड़ी सजा देने का अनुरोध किया। वकील ने अदालत से कहा, हम समाज में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए कड़ी से कड़ी सजा का अनुरोध करते हैं। इस पर संजय रॉय के बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत करे, जिससे यह साबित हो सके कि दोषी के सुधरने की कोई संभावना नहीं है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उसे सुधरने का मौका देने के लिए मृत्युदंड के अलावा किसी अन्य वैकल्पिक सजा का अनुरोध किया।
भारी संख्या में पुलिस की तैनाती
भारी पुलिस तैनाती के बावजूद कई लोग अदालत परिसर में जमा हो गए और कुछ को दोषी संजय रॉय की एक झलक पाने के लिए रेलिंग पर चढ़ने की कोशिश करने लगे। पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता ने कहा कि उन्हें न्याय देने के लिए न्यायपालिका पर भरोसा है। पीड़िता के पिता ने कहा, हमें जज पर भरोसा है। एक अन्य महिला ने कहा, हम चाहते हैं कि फैसला तेजी से सुनाया जाए ताकि यह एक उदाहरण स्थापित कर सके और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
क्या था मामला
पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाई गई थी। कॉलेज के तीसरे फ्लोर पर उसका शव मिला था। इसके बाद 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने शक के आरोप में सिविक वालंटियर संजय रॉय को हिरासत में लिया था। इसके ऊपर उसी दिन दूसरे डॉक्टरों ने अपना विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिया था। फिर 13 अगस्त को यह मामला कलकत्ता हाई कोर्ट में सुना गया और फिर वहां से सीबीआई को सौंप दिया गया।
इसके बाद 14 अगस्त को सीबीआई ने 25 सदस्य की एक टीम बना दी, एक फॉरेंसिक टीम का भी गठन हुआ। अब एक तरफ जांच चलती रही, लेकिन पूरे देश में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन भी तेज हुआ। काफी मनाने के बाद सेवाएं फिर चालू हो सकीं और डॉक्टर अपने काम पर वापस लौटे। फिर पिछले साल अक्तूबर में सीबीआई ने इस के में संजय रॉय को अपना आरोपी बनाया और एक चार्जशीट दायर की। फिर नवंबर 11 से इस मामले में ट्रायल सियालदह कोर्ट में शुरू हुआ और अब उसी कोर्ट द्वारा बड़ा फैसला सुनाया जाना है।
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