गुवाहाटी। भारत की समृद्ध लोक परंपरा, संगीत, नृत्य और नाटक का संगम शिल्पग्राम महोत्सव 2025 में देखने को मिल रहा है। भारत सरकार के सांस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत उत्तर पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनईजेडसीसी) द्वारा आयोजित यह महोत्सव गुवाहाटी के पांजाबारी स्थित शिल्पग्राम परिसर में आज से शुरू हुआ और 21 जनवरी तक चलेगा।
महोत्सव में विभिन्न राज्यों के कलाकार पारंपरिक और शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं। एनईजेडसीसी के निदेशक डॉ. प्रसन्न गोगोई द्वारा रचित एक घंटे के नृत्य कार्यक्रम में मणिपुर के बसंत रास, असम का शास्त्रीय सत्रीया नृत्य, त्रिपुरा का होजागिरी, तेलंगाना का माथुरी, नगालैंड का आन्झान्टो, असम का दाउश्री देलाई, पंजाब का जिंदुआ-भांगड़ा, अरुणाचल प्रदेश का रिखामपाड़ा और जु-जु-जा-जा, गुजरात का तलवार रास, मिजोरम का चेरौ, मध्य प्रदेश का बाधाई, मेघालय का वांगाला, हरियाणा का फाग, असम का बिहू नृत्य, उड़ीसा का संबलपुरी नृत्य, सिक्किम का सिंघी छाम और मणिपुर के कलाकारों द्वारा थांग-ता नृत्य जैसे मनमोहक प्रदर्शन शामिल हैं।
इसके अलावा, छात्र-छात्राओं के अभिनय, नृत्य और नृजातीय अध्ययन व अनुसंधान केंद्र के सांस्कृतिक मंच पर कलाकारों द्वारा प्रस्तुत महापुरुषीय भावनाओं ने दर्शकों का दिल जीत लिया। “सीता हरण” और “बाली वध” जैसे भावनात्मक नाटकों ने दर्शकों को खूब आनंदित किया।