कोडरमा। सीटू एवं आॅल इंडिया फेडरेशन आॅफ आंगनबाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्फर्स (आइफा) के आह्वान पर मजदूर विरोधी चार लेबर कोड वापस लेने, 45वें और 46वें भारतीय श्रम सम्मेलनों की सिफारिशों को लागू कर सेविका सहायिका सहित अन्य स्कीम वर्करों को 26 हजार वेतन, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने, ईएसआई पीएफ और ग्रेच्युटी सहित पेंशन और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, समान काम के लिए समान वेतन देने, नई पेंशन स्कीम रद्द कर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने, न्यूनतम मजदूरी का भुगतान व आईसीडीएस सहित सभी सरकारी संस्थाओं का निजीकरण पर रोक लगाने को लेकर देशव्यापी मांग दिवस के तहत समाहरणालय पर प्रदर्शन किया गया। इससे पूर्व कोडरमा बाजार से जुलूस निकाला गया जो समाहरणालय परिसर में पहुंचकर प्रदर्शन व सभा में तब्दील हो गया।
वहीं मुख्य वक्ता सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पहले ही मौजूदा श्रम कानूनों को कमजोर कर काॅरपोरेट परस्त मालिक पक्षीय चार लेबर कोड बदल दिया है। वहीं केंद्र सरकार अक्रामक तरीके से राष्ट्रीय संपत्ति, सार्वजनिक उपक्रमों, वित्तीय संस्थानों का निजीकरण कर रही है। पूंजीपतियों के टैक्स माफ कर लाखों करोड़ों का कर्जा माफ किया जा रहा है। देश का मजदूर वर्ग 18वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा सरकार को जोर का झटका दिया है, अगर सत्यानाशी नीतियां जारी रही तो देश में मजदूर आंदोलन और तेज होगा। वहीं सभा को सीटू के जिला महासचिव रमेश प्रजापति, आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी, जिलाध्यक्ष शोभा प्रसाद ने सम्बोधित किया एवं सीटू के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश ने अध्यक्षता किया।
सभा के उपरांत केन्द्रीय मांगों से सम्बन्धित मांग पत्र प्रधानमंत्री के नाम जबकि सेविका सहायिकाओं की स्थानीय मांगों से सम्बन्धित मांग पत्र उपायुक्त को अलग से सौंपा गया।