कोडरमा। जिले के मेघातरी पंचायत कुशहना गांव में चेकडैम टूटने से बाढ़ आने के बाद 18 दिन से ज्यादा बीत जाने के बाद भी बाढ़ पीड़ितों को सरकार की ओर से मिलने वाले मुआवजा का इंतजार है। बतादें कि बाढ़ से कुशहना गांव के 61 घर प्रभावित हुआ था। इन घरों में कुछ भी नहीं बचा, न खाने का अनाज, न पहनने के लिए कपड़े, न ही बर्तन। वहीं ग्रामीणों में अनिता देवी ने बताया कि बारिश होने के बाद हमलोग रात को सोते हैं तो डर लगता है, कही फिर से बाढ़ न आ जाये, खतरा अभी भी बना हुआ है। हमलोगों को सरकार की ओर से जो मुआवजा मिलने वाला था अभी तक नहीं मिला है। सिर्फ हर तरफ से हमलोगों को आश्वासन ही मिल रहा है।
वहीं गैना भुइयां ने बताया कि वन विभाग के द्वारा चेक डैम बनाया गया था। जो जर्जर स्थिति में था। वन विभाग के पदाधिकारियों को सूचना भी था। चेकडैम टूटने से कुछ दिन पहले रेंजर राम बाबू कुमार द्वारा चेकडैम का मुआयना भी किया गया था। समय रहते चेकडैम की मरम्मती कर ली जाती तो हमलोगों को ये झेलना नही पड़ता।
वहीं गांव की गौरी देवी ने बताई की सुबह अचानक बाढ़ आने से हमलोग घर में ही फंस गए थे। आसपास के लोगों द्वारा बच्चों को दीवार तोड़कर निकाला गया और हमलोग किसी तरह बाहर निकल पाए। सरकार से हमलोग सुरक्षित जगह घर बनाने और मुवावजा की मांग करते है। साथ ही कहा कि नेता लोग एक दिन का राशन पहुंचाकर गए, उसके बाद आज तक देखने तक नहीं आए।
वहीं मेघातरी पंचायत के उपमुखिया जीतू बहादुर ने बताया कि बाढ़ आने के बाद हमलोग लगातार लोगों के मदद में खड़े है। सरकारी मुवावजा के सारी प्रक्रिया भी का कर ली गई। वहीं मुखिया प्रतिनिधि राजकुमार राम ने बताया कि हम लोग बाढ़ के दिन से आज तक लोगों की सेवा में लगे है। लेकिन अभी तक मुववाजा नहीं मिलने से लोगों में काफी आक्रोश है।