नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में नवाचार, सार्वभौमिक कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी स्पेक्ट्रम प्रबंधन रणनीति महत्वपूर्ण है।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में बताया कि ट्राई के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने एशिया प्रशांत दूरसंचार समुदाय (एपीटी) के महासचिव मसनोरी कोंडो की उपस्थिति में स्पेक्ट्रम पर दक्षिण एशियाई दूरसंचार विनियामक परिषद (एसएटीआरसी) कार्यशाला का उद्घाटन किया।
मंत्रालय के मुताबिक तीन दिवसीय कार्यशाला में एसएटीआरसी के सदस्य देशों के प्रतिनिधि, कार्य समूह के सदस्य, उद्योग विशेषज्ञ, कई सरकारी विभागों के प्रतिनिधि आदि भाग लेंगे। इस कार्यशाला का आयोजन एशिया प्रशांत दूरसंचार समुदाय की ओर से किया गया है, जिसकी मेजबानी भारतीय दूरसंचार विनियामक गोवा के होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में कर रहा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य तेजी से विकसित हो रहे दूरसंचार परिदृश्य में प्रभावी स्पेक्ट्रम प्रबंधन के महत्व पर चर्चा करना है।
कार्यशाला के प्रमुख बिंदु
-स्पेक्ट्रम पर इस एसएटीआरसी कार्यशाला से प्रतिभागियों के बीच स्पेक्ट्रम प्रबंधन के प्रमुख मुद्दों के बारे में बेहतर समझ विकसित होने की उम्मीद है, जिससे एसएटीआरसी कार्य समूह के लिए कार्रवाई योग्य दिशा-निर्देश तैयार होंगे। इसके अतिरिक्त, कार्यशाला का उद्देश्य सदस्य देशों और उद्योग विशेषज्ञों के बीच सहकार्यता को बढ़ावा देना है, जिसके परिणामस्वरूप प्रभावी स्पेक्ट्रम उपयोग के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और रणनीतियों का विकास होगा।
-कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की शुरुआत एशिया-प्रशांत दूरसंचार समुदाय के महासचिव मसनोरी कोंडो के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने इस दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए एपीटी की प्रतिबद्धता पर बल दिया तथा स्पेक्ट्रम संसाधनों के कुशल प्रबंधन में क्षेत्रीय सहयोग को आवश्यक बताया।
-इसके बाद, स्पेक्ट्रम पर एसएटीआरसी कार्य समूह के अध्यक्ष अब्दुल कयूम ने नियामकों के सामने आने वाली चुनौतियों और स्पेक्ट्रम उपयोग को अनुकूलित करने के लिए नवीन समाधानों की आवश्यकता पर जोर दिया।
-उद्घाटन भाषण के दौरान ट्राई के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने आज के डिजिटल परिवेश में प्रभावी स्पेक्ट्रम प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दूरसंचार क्षेत्र नवाचार और सशक्तिकरण में सबसे आगे है, यह डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ा रहा है और ऐसे समाधान प्रदान कर रहा है जो जीवन की बेहतरी को बढ़ाते हैं।
रेडियो आवृत्ति स्पेक्ट्रम की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, एसएटीआरसी ने अपनी कार्य योजना के हिस्से के रूप में स्पेक्ट्रम पर एक कार्य समूह की स्थापना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार्यशाला उभरती प्रौद्योगिकियों, स्पेक्ट्रम आवंटन और नीति विकास पर अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए उत्कृष्ट मंच प्रदान करती है। सहकार्यता को बढ़ावा देने और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान से यह कार्यक्रम नियामक क्षमता का निर्माण करने, सीमा पार सहयोग को मजबूत करने और दूरसंचार क्षेत्र में सतत विकास का समर्थन करने में मदद करेगा।
-उद्घाटन सत्र का समापन ट्राई के सचिव अतुल कुमार चौधरी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी गणमान्य लोगों और प्रतिभागियों को उनकी गरिमामयी उपस्थिति के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। चौधरी ने जोर देते हुए कहा कि आगामी सत्रों के दौरान होने वाली चर्चाएं सहकार्यता और मिल-जुलकर कर सीखने की भावना को स्थापित करेंगी। उन्होंने ऐसे प्रतिष्ठित समूह को एक साथ लाने में प्रयासों के लिए एपीटी और ट्राई आयोजन समिति को धन्यवाद दिया और सभी को आगामी सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, क्योंकि उनकी सामूहिक अंतर्दृष्टि देश में दूरसंचार विनियमन के भविष्य को आकार देने में अधिक सहायक होगी।
-किसी भी अन्य स्पष्टीकरण/जानकारी के लिए, यतिंदर अग्रोही, सलाहकार (प्रशासन/आईआर) से advadmn[at]trai[dot]gov[dot]in पर संपर्क किया जा सकता है।