रांची। राजस्व और भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुआ ने मंगलवार को भू-राजस्व विभाग को फर्जी डीड पर लगाम लगाने के लिए एनआईसी के सॉफ्टवेयर में सुधार करने का निर्देश दिया है।
मंत्री ने फर्जी डीड से किए जाने वाले भ्रष्टाचार पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति डीड अप्लाई करता है, तो संबंधित व्यक्ति को डीड का यूनिक नंबर मिलता है लेकिन उसमें छोटी-मोटी खामियां निकालकर उसके डीड को कैंसिल कर दिया जाता है। इसके कुछ ही दिन बाद दोबारा संबंधित व्यक्ति के उसी डीड नंबर को उसके आगे पीछे यूनिक नंबर लगाकर दोबारा डीड अप्लाई करवाया जाता है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। इसी चक्कर में लंबित म्यूटेशन के मामले भी बढ़ते ही जा रहे हैं। इसलिए विभाग एक ही जमीन के लिए दोबारा डीड अप्लाई करने पर पूरी तरह से लगाम लगाए, जिससे फर्जी डीड बनाकर गलत तरीके से म्यूटेशन करने पर भी रोक लगेगी।
मंत्री ने एनआईसी को निर्देश देते हुए कहा कि एनआईसी उम्दा सॉफ्टवेयर बनाए। दोबारा डीड अप्लाई करने पर तत्काल उस पर रोक लगाने की दिशा में काम करें। इससे विभिन्न अंचलों में लंबित म्यूटेशन के मामले घटेंगे। मंत्री ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों-मूलवासियों को कई मायने में जमीन के संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। अपनी ही जमीन की रसीद कटवाने या अन्य छोटे कार्यों के लिए बार–बार अंचल और यहां-वहां जाना पड़ता है। इसका बिचौलिए गलत लाभ उठाते हैं। किसी भी हाल में जमीन संबंधित विवाद पर फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुरखों की जमीन पर कुछ अंचलाधिकारी और कर्मी किसी खास व्यक्ति के इशारे पर जमीन अपने नाम या किसी चहेते के नाम कराने का धंधा चला रहे हैं। ऐसे पदाधिकारियों को चिह्नित कर उन पर कार्रवाई की जाएगी।