रांची: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनावी नतीजे आते ही अब महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव का ऐलान होने वाला है. आज चुनाव आयोग प्रेस कांफ्रेंस करने वाला है, जिसमें चुनावों की तारीखों का ऐलान किया जायेगा. इस ऐलान के बाद अब सभी की निगाहें दोपहर 3.30 बजे होने वाली EC की PC पर टिकी हुई हैं.
चुनाव आयोग आज झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा. खबर है कि आज से ही झारखंड में आदर्श अचार संहिता भी लागू हो जायेगा. ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में कौन-कौन राजनीतिक दल मैदान में होंगे. बता दें कि राज्य की स्थापना के बाद से ही यहां के राजनीतिक परिदृश्य में कई बदलाव आये हैं. राजनीति में चुनावी प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. हर चुनाव के साथ नई उम्मीदें, चुनौतियां, और संभावनाएं जन्म लेती हैं. आम नागरिक अपने मताधिकार का उपयोग कर अपने भविष्य का निर्धारण करते हैं.
आइये जाने, झारखंड के चुनावों में महत्वपूर्ण राजनीतिक दल कौन से है…
झारखंड मुक्ति मोर्चा(JMM)
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो/जेएमएम) राज्य का प्रमुख क्षेत्रीय दल है, जिसका गठन 1973 में झारखंड राज्य के गठन की मांग के लिए किया गया था. पार्टी का आधार जनजातीय समुदायों और आदिवासी हितों पर केंद्रित है. जेएमएम के नेता शिबू सोरेन, जिन्हें “धरती आबा” के नाम से भी जाना जाता है, ने झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वर्ष 2019 के चुनाव में इस दल के 30 विधायकों ने जीत दर्ज कर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी.
भारतीय जनता पार्टी(BJP)
भारतीय जनता पार्टी झारखंड में एक मजबूत राजनीतिक शक्ति है. पार्टी ने 2014 में राज्य विधानसभा चुनावों में विजय हासिल की और रघुवर दास जैसे नेताओं ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. बीजेपी का विकासात्मक एजेंडा और भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों पर जोर देना इसकी पहचान है. वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के 26 विधायकों ने जीत दर्ज की थी. बाद में जेवीएम का इस दल में विलय हो गया. जेवीएम के दो विधायक थे.
कांग्रेस पार्टी(COGRESS)
कांग्रेस पार्टी झारखंड में एक ऐतिहासिक राजनीतिक दल है. हालांकि यह पिछले कुछ चुनावों में अपनी स्थिति को बनाये रखने में संघर्ष कर रही है. पार्टी ने राज्य के विकास के लिए अपनी योजनाएं प्रस्तुत की है, लेकिन क्षेत्रीय दलों के बढ़ते प्रभाव के कारण इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के 16 विधायकों ने वर्ष 2019 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. बाद में दो विधायक (जेवीएम) कांग्रेस में शामिल हो गये थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा करेगा, जिसमें मतदान की प्रक्रिया, चुनावी सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल होंगी। इससे पहले, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव संबंधी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। निर्वाचन आयोग की टीम ने कुछ समय पहले दोनों राज्यों का दौरा कर तैयारियों का निरीक्षण किया था।
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जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग दीपावली और छठ पूजा को ध्यान रखते हुए तारीखों का ऐलान करेगा। क्योंकि, त्योहारों के दौरान महाराष्ट्र में काम करने वाले झारखंड-बिहार के मतदाता अपने घर लौट जाते हैं। इसलिए, चुनाव आयोग नवंबर के दूसरे हफ्ते के अंत में चुनाव कराने की योजना बना सकता है, जिससे प्रवासी मतदाताओं को त्योहारों के बाद वापस आने का समय मिल सके।
महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान उन लाखों मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने अधिकार का उपयोग कर अपनी पसंद की सरकार चुनने के लिए तैयार हैं। तमाम राजनीतिक दलों की नजर भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हुई है।
आपको बताते चलें, 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को, तो वहीं 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है।
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