कोडरमा। विविध संस्कृतियों और परंपराओं के उत्सव के लिए प्रसिद्ध तिलैया डैम स्थित ग्रिजली विद्यालय में आध्यात्मिक उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के सीईओ प्रकाश गुप्ता, उप प्राचार्या अंजना कुमारी ने गुरुनानक देव जी की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित और दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर विद्यालय के सीईओ ने उपस्थित छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा की ग्रिजली विद्यालय में इस प्रकार के उत्सवों ने इन शिक्षाओं को खूबसूरती से प्रतिबिंबित किया है, जिससे हमारे छात्रों के बीच एकता और सम्मान की भावना को बढ़ावा मिलता है।
ग्रिजली विद्यालय द्वारा गुरुनानक देव जी की जयंती का आयोजन अपने छात्रों के बीच सांस्कृतिक जागरूकता और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने, आपसी सम्मान और समझ के माहौल को बढ़ावा देने के लिए स्कूल की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। उन्होंने गुरु नानक देव जी के जीवन का हवाला देते हुए सिख धर्म में अंतर्निहित करुणा, समानता और निस्वार्थ सेवा के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए छात्रों से उनके बताए गए मार्ग पर चलने का आवाहन किया।
वहीं उप प्राचार्या अंजना कुमारी ने अपने सम्बोधन में कहा की यह उत्सव ग्रिजली विद्यालय की न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, बल्कि ऐसे कार्यक्रमों तथा उत्सवों से अपने छात्रों के जीवन को समृद्ध करते हैं, जो की दयालु और सहानुभूतिपूर्ण व्यक्तियों की एक पीढ़ी को बढ़ावा देते हैं।
वहीं छात्र सौरव चौधरी ने अंग्रेजी में भाषण प्रस्तुत करते हुए गुरुनानक देव जी के जीवन को छात्रों के बिच रखा। वहीं विद्यालय के छात्र गुरविंदर सिंह, हरप्रीत कौर, जुगाद सिंह, सिमरनजीत सिंह, रौनक सलूजा एवं शिक्षिका हिमांशी कौर, गार्गी कपूर ने कार्यक्रम की शुरुवात कीर्तन के द्वारा की। तत्पश्चात शबद, आनंद साहिब एवं अरदास की प्रस्तुति की गयी। प्रस्तुत की गए कार्यक्रमों के बाद गुरुनानक देव जी के द्वारा दिए गए नारे-जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल पुरे विद्यालय में गूंज उठा।
मौके पर विजय कुमार सिंह, जीतेन्द्र कुमार चौधरी, बी.डी नस्कर, अनुराग कुमार सिंह, तुषार रॉय चौधरी, प्रीति जगनानी, पंकज उपाध्याय, सुधांशु कुमार, अमित दास, संजीव कुमार जयसवाल, नागेंद्र कुमार, रवि दत्त पांडेय, कृष्णा कुमार समेत पुरे विद्यालय परिवार मौजूद थे।