नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा, एक कानून दूसरे कानून से ऊपर नहीं हो सकता। वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियों के लिए लाभकारी होने के बजाय नुकसानदेह होगा।
विधेयक को आज प्रश्नकाल के बाद विचार और पारित करने के लिए पेश किया गया और उसके बाद 8 घंटे की चर्चा होगी, जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। भाजपा और कांग्रेस की तर्ज पर उनके सहयोगी दलों ने भी अपने सभी सांसदों को 2 और 3 अप्रैल को सदन में उपस्थित रहने और वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा में भाग लेने के लिए व्हिप जारी किया है।
बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, राकांपा नेता सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी और आप के संजय सिंह शामिल हुए। बैठक में द्रमुक के टी आर बालू, तिरुचि शिवा और कनिमोई, राजद के मनोज कुमार झा, माकपा के जॉन ब्रिटास, भाकपा के संदोष कुमार पी, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और वाइको भी उपस्थित थे।
रिजिजू ने सुनाई शायरी
जब इस बिल को रिजिजू ने पेश किया तो इस दौरान रिजिजू ने कहा, ‘…किसी की बात कोई बुरा-गम न समझेगा. जमीन का दर्द कभी आसमान नहीं समझेगा…. मुझे न सिर्फ उम्मीद है, बल्कि मुझे पूरा भरोसा है कि इस विधेयक का विरोध करने वालों के दिलों में भी बदलाव आएगा. हर कोई सकारात्मक सोच के साथ इस विधेयक का समर्थन करेगा। ‘

सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के दलों के बीच सहमति के कोई संकेत नहीं मिलने के कारण, अंतिम परिणाम सदन में बहुमत संख्या के आधार पर तय किए जा सकते हैं। इंडिया गठबंधन ने मंगलवार को एकजुटता दिखाते हुए संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करने के लिए संयुक्त रणनीति पर चर्चा की। विपक्षी दलों ने संसद भवन में बैठक की, जिसमें इस विवादास्पद विधेयक को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई।
किरेन रिजिजू ने कहा- नया वक्फ बिल का नाम ‘उम्मीद’
रिजिजू ने कहा कि नए वक्फ बिल का नाम ‘उम्मीद हो गया है।इस संशोधित बिल से न केवल नया सवेरा आने वाला है।जबकि करोड़ों मुसलमानों को इसका फायदा भी होगा।उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने बिल का स्वागत किया है।बोर्ड के ऑडिट करने का भी प्रावधान रखा गया है। इस बिल के बाद असल पता चलेगा कि कितनी प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड के पास हैं।
सरकार किसी भी धार्मिक संस्था में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही
लोकसभा में वक्फ विधेयक पर विपक्ष के शोरगुल के बीच संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने कहा कि सरकार किसी भी धार्मिक संस्था में हस्तक्षेप नहीं करने जा रही। यूपीए सरकार ने वक्फ कानून में बदलावों के जरिये इसे अन्य कानूनों से ऊपर कर दिया था, इसलिए नये संशोधनों की आवश्यकता पड़ी।
“वक्फ बोर्ड की भूमिका मुतवल्लियों और वक्फ मामलों को संभालने वालों द्वारा वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन की निगरानी करना है। यह पूरी तरह से शासन और पर्यवेक्षण के लिए एक प्रावधान है। वक्फ बोर्ड किसी भी तरह से वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन नहीं करता है।
बिल पेश करने पर आया प्वाइंट ऑफ ऑर्डर, गृह मंत्री ने दिया जवाब
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ बिल पेश करने की प्रक्रिया पर जवाब देते हुए कहा कि संसदीय समिति के सुझाव कैबिनेट ने स्वीकार किया और उस सुझाव को किरेन रिजिजू के माध्यम से यहां लेकर आए हैं।

किरेन रिजिजू ने वक्फ विधेयक में 2013 में किए गए बदलावों पर उठाए सवाल
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि साल 2013 में यूपीए सरकार ने वक्फ बोर्ड को ऐसा अधिकार दिया कि वक्फ बोर्ड के आदेश को किसी सिविल अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। वक्फ के किसी आदेश को चुनौती नहीं दी जा सकती थी। रिजिजू ने कहा कि अगर यूपीए सरकार सत्ता में होती तो संसद इमारत, एयरपोर्ट समेत पता नहीं कितनी इमारतों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया जाता क्योंकि इन पर भी दावा किया जा रहा था। केंद्रीय मंत्री ने साफ किया कि वक्फ संशोधन विधेयक से सरकार धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी, ये विधेयक सिर्फ संपत्ति के प्रबंधन का मामला है। उन्होंने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
विधेयक का विरोध करने वालों के दिलों में भी बदलाव आएगा- किरेन रिजिजू
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “…मुझे न केवल उम्मीद है, बल्कि मुझे पूरा यकीन है कि इस विधेयक का विरोध करने वालों के दिलों में भी बदलाव आएगा। हर कोई सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इस विधेयक का समर्थन करेगा…”
यूपीए ने प्राइम प्रॉपर्टी कर दिया था वक्फ के हवाले- रिजिजू
किरेन रिजिजू ने चर्चा के दौरान कहा कि मुझे नहीं पता इसमें मुसलमान के अधिकार में गैर मुसलमान कैसे आ रहा है।साल 2013 में चुनाव होने वाले थे और आचार संहिता लगने ही वाली थी। 5 मार्च 2014 को यूपीए सरकार ने 123 प्राइम प्रॉपर्टीज को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दिया।लेकिन इससे वोट नहीं मिलने वाला।जनता काफी समझदार हैं।यही कारण है कि इस कानून में संशोधन जरूरी था।
उन्होंने आगे कहा- इस बिल का मस्जिद से लेना देना नही है।यह सिर्फ प्रॉपर्टी से संबंधित है ये।इसमें कुछ प्रावधान रखे है, वक्फ वही क्लियर कर सकता है जिसने 5 साल प्रैक्टिस की है।रिजिजू आगे कहते हैं कि शिया सुन्नी , पिछड़ी जाति लोग , महिला सभी रह सकते है।

दुनिया का सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी हमारे देश में है। फिर आज तक हमारे गरीब मुसलमान के लिए कुछ क्यो नही हुआ।जो जो इस बिल का विरोध कर रहा है वो बताये कि हमारे देश के पास इतनी वक्फ प्रॉपर्टी है तो मुसलमानों के लिए कुछ क्यों नहीं कर रहे।
‘धार्मिक मामलों से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए’
सपा सांसद बीरेन्द्र सिंह ने कहा, ‘सवाल यह उठता है कि जमीन का मामला कहां नहीं है? क्या हिंदू या ईसाई संप्रदाय से जुड़े हुए लोगों के बीच नहीं है? केवल मुस्लिम समुदाय को टारगेट करते हुए यह बिल लाया जा रहा है जिस पर हमें(विपक्ष) आपत्ति है… हमारा मत है कि धार्मिक मामलों में छेड़-छाड़ नहीं होनी चाहिए और होगी तो हम उसका विरोध करेंगे।’
वक्फ संशोधन विधेयक का केसी वेणुगोपाल ने किया विरोध
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ये लेजिस्लेचर को बुल्डोज करने जैसा है।उन्होंने सदस्यों के संशोधन प्रस्ताव का मुद्दा उठाया। वहीं इसपर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि जितना समय सरकारी संशोधनों को दिया है, उतना ही समय गैर सरकारी संशोधनों को भी दिया है।
उन्होंने कहा कि दोनों में कोई फर्क नहीं किया गया है।आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने पॉइंट ऑफ ऑर्डर रेज करते हुए कहा कि हम ओरिजिनल बिल पर चर्चा करने नहीं जा रहे हैं। ये जेपीसी की रिपोर्ट के बाद नए प्रावधान के साथ आ रहा बिल है।ये टेक्निकल मैटर है। रूल 81 को सस्पेंड किए बिना इन पर चर्चा का इस सदन को अधिकार नहीं है।नए ड्राफ्ट में कई नए प्रावधान हैं।