कोडरमा। लोकसभा में शनिवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट पर जिले के विभिन्न तबकों में अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। अधिकतर लोगों ने बजट को संतुलित बताया है, वहीं एक्सपर्ट इसे दूरगामी सकारात्मक प्रभाव वाला मानते हैं। भाजपा से जुड़े लोग जहां इस बजट को ऐतिहासिक इसमें सभी वर्गों का हित बताया है। वहीं विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना की है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया गया 2025-26 का बजट, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करने वाला है। यह सर्वसमावेशी बजट न सिर्फ भारत के वर्तमान को संवारेगा बल्कि आने वाले वर्षों में देश की प्रगति की राह को भी रोशन करेगा। यानी, गरीब, युवा, अन्नदाता किसान एवं नारीशक्ति के हितों को केंद्र में रखकर निर्मित यह सर्वस्पर्शीय बजट प्रत्येक वर्ग के लिए अत्यंत ही लाभदायक सिद्ध होगा।
साथ ही विकास के नए आयाम स्थापित करेगा। इस भविष्योन्मुखी एवं लोककल्याणकारी केंद्रीय बजट की सौगात के लिए मैं प्रधानमंत्री एवं वित्तमंत्री का हृदय से आभार व्यक्त करती हूं। वहीं पेश की गई नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय को आयकर से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है जो एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम है। वहीं वेतनभोगी कर दाताओं के लिए यह सीमा 75 हजार की मानक कटौती के कारण 12. 75 लाख रुपए होगी। सभी करदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए आयकर स्लैबों और दरों में व्यापक बदलाव किए गए हैं। यह बजट विकास को नई ऊर्जा प्रदान करेगा और प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में विकसित भारत के संकल्प सिद्धि में हमारी यात्रा को गति देगा।
कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी
गरीब, युवाओं, किसानों और नारी शक्ति का बजट : डॉ. नीरा
यह बजट गरीब, युवाओं, किसानों और नारी शक्ति का बजट है
कोडरमा विधायक डॉ. नीरा यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज का बजट किसान और महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करेगा। देश तेज गति से आगे बढ़ रहा है, इस गति को और बल मिलेगा। बजट में स्वास्थ्य और रोजगार पर खास ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि नए टैक्स रिजीम में अब 12 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, इससे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत होगी। वरिष्ठ नागरिकों को भी बजट से बड़ी राहत मिलेगी, उनके लिए टैक्स छूट की सीमा भी 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। बजट में कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को विकास के प्रमुख इंजन के रूप में देखा गया है। बजट में गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के उत्थान पर ध्यान दिया गया है, जिससे समाज का समग्र विकास होगा। कुल मिलाकर यह बजट देश और समाज को आगे बढाने के साथ ही विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करेगा।

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यह बजट मिला-जुला तैयार किया गया है, मध्य वर्ग पर आयकर को लेकर राहत दी गई है। जिला अस्पताल में कैंसर सेंटर बनाने की बात कही गई है। जीवन रक्षक दवाइयां, बैटरी एलइडी टीवी आदि बाजार की चीजे कुछ सस्ती होंगी, परंतु ज्वलंत समस्या बेरोजगारी छोटे उद्यमीयों और कृषि पर ध्यान नहीं दिया गया है। आने वाले समय में चुनाव को लेकर बिहार पर थोड़ी ज्यादा मेहरबानियां दिखाई गई हैं, झारखंड तो बजट के तस्वीर में है ही नहीं।


समाज सेवी सुरेन्द्र भाई मोदी
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश किया। यह बहुत सराहनीय बजट है, आज के बजट में सभी वर्ग का ध्यान रखा गया है। विशेष कर गरीब एवं मध्यम वर्ग के विकास के लिए ज्यादा प्रयास किया गया है। छोटे उद्योग को बढ़ावा देकर बेरोजगारी खत्म करने का और लोगों को रोजगार देने का सफल प्रयास किया गया है। किसानों के क्रेडिट कार्ड की राशि बढ़ाकर किसानों को भी सूदखोरों के चंगुल से बाहर निकालने का सफल प्रयास किया गया है। कैंसर जैसी बड़ी बीमारी कि दवा को जीएसटी से मुक्त कर सस्ता करने का प्रयास किया गया। इस तरीके से देखे तो बजट में सभी वर्ग का ध्यान रखकर भारत को विकसित देश बनाने का सफल प्रयास किया गया है। आयकर के स्लैप में चेंज कर लोगों के पास खरीद क्षमता बढ़ाने का प्रयास किया गया, जिससे लोगों को खरीद क्षमता बढ़े और बड़े व्यवसाय अपने उत्पादन को बढ़ाकर लोगों को रोजगार दे सके, इस तरीके से बजट में सभी वर्ग का ध्यान दिया गया है।


भाजपा जिलाध्यक्ष अनुप जोशी
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस वर्ष पेश किया गया बजट मध्यम वर्गीय लोगों के लिए काफी लाभदायक है। खासकर नौकरी पेशा वाले लोगों को भी इस बजट के माध्यम से काफी राहत दी गई है। इस बजट में जहां कई जनोंपयोगी जीवन रक्षक दवाओं को सस्ता किया गया है, वहीं दूसरी ओर सरकारी नौकरी एवं टैक्स अदा करने वाले लोगों के लिए भी एक सुकून देने वाला बजट है। इस बजट में वित्त मंत्री ने टैक्स के स्लैब में बदलाव कर मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत देने का प्रयास की है। इस बजट की सर्वत्र सराहना की जा रही है।


न्यायालय कर्मी रणजीत कुमार सिंह
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इस आम बजट से करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी : अनिल कुमार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जारी 2025 के आम बजट से करदाताओं को बड़ी राहत मिलती दिख रही है। वहीं देश के प्रत्येक जिले में कैंसर के उपचार हेतु डे-केयर केंद्र खोलने की घोषणा से कैसर मरीजों के बीच उम्मीद की नई किरण जलेगी। वैसे शिक्षाण संस्थानों के विस्तार व नई यूनिटे खोलने की घोषणा अच्छी पहल है। लेकिन शिक्षा की आधार को मजबूत बनाने के लिए प्राथमिक शिक्षण संस्थानों को और अधिक विकसित की जाने बाते भी होनी चाहिए थी। रोजगार श्रृजन के लिए आम बजट में कोई विशेष घोषणाएं नहीं दिख रही है।


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कांग्रेस नेता सईद नसीम ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट अहम हैं, मगर देश के भविष्य बच्चों और महिलाओं पर मोदी सरकार ने कंजूसी दिखाई है। अन्नदाता हताश, युवा निराश, मिडिल क्लास मायूस और ऐसे में 12 लाख तक टैक्स फ्री करना अहम फैसला है, लेकिन देश में बढ़ती बेरोजगारी चरम पर होना 80 करोड़ जनता 5 किलो अनाज के सहारे जीवन यापन करने को मजबूर होना, आमजनों को काफी कन्फ्यूजन में डाल दिया है। कुल मिलाकर यह बजट सिर्फ खानापूर्ति है, लीपा पोती है। जमिनी हकीकत से कोसो दूर दिखाई दे रही है।


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सपना बेचने वाला बजट : राजद जिलाध्यक्ष रामधन
संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया। आम बजट को लेकर जिप अध्यक्ष सह राजद जिलाध्यक्ष रामधन यादव ने बजट को सपना बेचने वाला बजट करार दिया है। उन्होंने कहा कि आम-अवाम के बीच 2025-26 के लिए आम बजट सपनें बेचने जैसा है। सपना और हकीक़त में काफी अंतर होता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आंकड़ो की जादूगरी दिखाकर जनता को बेबकूफ बनाना भली भांति जानती है। देश में 80 करोड़ जनता फ्री राशन लेने के लिए मजबूर है और पीडीएस दुकान के बाहर कतार में है, फिर भी गरीबों के हित में बजट में कोई भी बड़ा ऐलान नही किया गया है। बजट में बिहार को लेकर कल कारखाने और संस्थान खोलने का ऐलान किया गया, क्योकि बिहार में इलेक्शन है। लेकिन खनिज संपदा वाले झारखण्ड राज्य के लिए चुप्पी साध ली गयी। उन्होंने कहा की नौकरी पेशा वालों को 12 लाख की आमदनी पर टैक्स में छूट दी गयी है। मगर सवाल ये है कि जिनके पास नौकरी ही नही है, उनके लिए सरकार के बजट में आमदनी बढ़ाने और रोजगार बढ़ाने को लेकर कोई चिंता नही दिखी। श्री यादव ने कहा कि मध्यम वर्ग परिवार मंहगाई से परेशान है। सरकार का मंहगाई पर कोई भी नियंत्रण नही है। देश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए कोई भी ठोस योजना नही है। उन्होंने कहा कि देश मे इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण और किसानों, मजदूरों एवं महिलाओं के उत्थान लाने वाला बजट की उम्मीद थी। मगर आम बजट झारखण्ड और देश के गरीबों-मेहनतकश आवाम के जरिये से सपना बेचने वाला बजट है।


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केंद्र के बजट पर विधायक अमित कुमार ने जताया आभार


बरकट्ठा विधायक अमित यादव ने इस बजट को आत्मनिर्भरता, समावेशिता और ग्रामीण उत्थान का प्रतीक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताया है। वहीं उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण, किसानों की भलाई, महिलाओं के सम्मान व युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
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मध्यमवर्ग को सरकार ने दी बड़ी राहत : महेंद्र प्रसाद वर्मा
भाजपा ओबीसी मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद वर्मा ने आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को ध्यान में रखते हुए देश के हर क्षेत्र में विकास की गति को तेज करने के लिए आज के बजट में जो घोषणाएं की गई हैं, वह सराहनीय है। यह बजट सभी वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह बजट समाज के हर वर्ग, महिलाओं, छोटे उद्योग, किसान, युवा, गरीबों के कल्याण, समावेशी विकास से भरा है। यह आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण बजट है। मध्यमवर्ग को सरकार ने बड़ी राहत दी है।


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मध्यम वर्ग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बजट : रजनीश
मंजुला शर्मा मेमोरियल अकादमी के निदेशक रजनीश शर्मा ने पेश किए गए आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट मध्यम वर्ग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बजट है। 12 लाख तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, यह बहुत ही बड़ी सौगात है। इससे हमारे मध्यम वर्गीय परिवारों के हाथ में पैसे ज्यादा बचेंगे, जिससे परिवार के लिए बेहतर सुविधाएं ले सकेंगे। मध्यमवर्गीय परिवारों में जो तमन्ना रहती है वो पूरी कर सकेंगे। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद देना चाहता हूं।


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केन्द्रीय बजट में आम जनता लिए जुमला और शब्दों की बाज़ीगरी : संजय पासवान


केन्द्रीय बजट पर सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) ने अपने बयान में कहा कि बजट प्रस्ताव का एकमात्र उद्देश्य बिजली, बीमा, माइनिंग, खनिज एवं आधारभूत संरचना के निजीकरण को तेज करना, उन्हें कॉरपोरेट घरानों को सौंपना तथा कृषि का कॉरपोरेटाइजेशन को बढ़ावा देना है, सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि बजट में एफडीआई और पीपीपी मॉडल के नाम पर लगभग सौ कॉर्पोरेट्स घरानों के लिए एक बड़ा केक, लगभग एक करोड़ मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए छोटी सी चेरी और सवा सौ करोड़ जनता लिए जुमला और शब्दों की बाजीगरी की गई है, कल्याणकारी योजनाओं एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकारी व्यय एक बार फिर कम कर दिया गया है। बजट में राज्यों के हिस्सेदारी में भी भारी कमी की गई है, किसानों के उपज पर एमएसपी की गारंटी की कोई चर्चा नहीं की गई है, वित्तमंत्री ने अपने भाषण में देश में जारी आर्थिक मंदी के मुख्य कारण अर्थव्यवस्था में मांग की कमी से निपटने का कोई जिक्र नहीं किया है। बीमा क्षेत्र में एफडीआई एक सौ प्रतिशत लाए जाने का प्रस्ताव सरकारी बीमा कंपनियों को जिनका देश की अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा योगदान है, बीमा क्षेत्र को पूरी तरह विदेशी दिवालिया बीमा कंपनियों और कार्पोरेट घरानों के हाथों सौंपने की तैयारी है। बजट में सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए कोई प्रत्यक्ष कदम नहीं, असंगठित, अनुबंधित, अनौपचारिक और ठेका कामगारों के लिए कोई ठोस सुझाव नहीं, गिग वर्करों के कल्याण और न्याय के नाम पर केवल ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण का प्रस्ताव दिया गया है और संबंधित लाभ केवल असंगठित श्रमिकों की तरह ही सीमित रहेंगे और न ही किसी कल्याण कोष का आवंटन नहीं किया गया है। वहीं पेट्रोलियम उत्पाद शुल्क दरों में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं किया गया है, इसका मतलब कि आम जनता की पॉकेटमारी जारी रहेगी। आवश्यक खाद्य वस्तुओं, दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को वापस नहीं लिया गया और न ही अति धनवानों पर संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर लगाया गया है, बल्कि बजट में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) और प्रदर्शन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) के लिए आवंटन जारी रखा गया है। ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा दिसम्बर 2024 में वित्त मंत्री के समक्ष बजट पर रखे गए प्रस्ताव में महंगाई पर नियंत्रण के लिए कदम, जीएसटी और उत्पाद शुल्क में कमी, मध्यम वर्ग के लोगों को आयकर में राहत और कॉरपोरेट्स और अति अमीर पर अधिक टैक्स लगाना, सरकारी विभागों में लाखों रिक्तियों को तुरंत भरना, मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाना, शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी योजना को लागू करना, सार्वजनिक संस्थाओं के निजीकरण और राष्ट्रीय संसाधनों की लूट को रोकना, वैधानिक एमएसपी सुनिश्चित करना, खेत मजदूरों, ठेका मजदूरों, गिग वर्करों, आंगनबाड़ी, आशा, सहिया सभी स्कीम वर्करों का वेतन व मानदेय में बढ़ोतरी सहित अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के साथ हाशिए पर पड़े मेहनतकश लोगों को राहत और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल था, मगर करीब करीब सभी मांगों को बजट प्रस्तावों में नजरअंदाज कर दिया गया, इस विश्वासघात के खिलाफ में 5 फरवरी को पूरे देश में केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और बजट प्रस्तावों की प्रतियां जलाई जाएगी।