कोडरमा। जिले में एक धार्मिक जुलूस को निशाना बनाकर तनाव पैदा करने की कोशिश हुई है। कोडरमा थाना अंतर्गत चेचाई में होने वाले यज्ञ को लेकर भिक्षा के लिए सात गांव के भ्रमण पर निकली महिलाओं के जत्थे पर छतरबर में एक घर से पथराव किया गया। बताया जा रहा है कि एक विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव किया है।
पथराव से इलाके में तनाव, पुलिस ने संभाला मोर्चा
घटना मंगलवार सुबह करीब 9 बजे की है। इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया। हालांकि पुलिस ने पहुंच कर माहौल को नियंत्रित कर लिया। ग्रामीणों ने बताया कि चेचाई देवी मंडप से कलश लेकर महिलाएं कलश लेकर भिक्षा के लिए इलाके में निकली थी। इसी दौरान छतरबर पहुंची, जहां पत्थरबाजी की घटना हुई। इसमें एक कलश फूट गया। 50- 60 महिलाएं जुलूस में थी और घटना के बाद दूसरे इलाके के लिए महिलाएं निकल गई। यहां 9 से 17 अप्रैल तक यज्ञ होना है।
महिलाओं को चेचाई, छतरबर, करमा, झुमरी, करियावर मैसौंधा, पुतो, कानूनगो बीघा होते हुए वापस चेचाई पहुंची। पत्थरबाजी किसने की, पुलिस पहचान करने में जुटी हुई है। गांव में पुलिस फिलहाल कैंप कर रही है। मामले की सूचना मिलने पर एसडीओ रिया सिंह, एसडीपीओ अनिल सिंह, डीएसपी मुख्यालय रतिभान सिंह, सीओ होल्डर सेठी, कोडरमा थाना प्रभारी अरविंद कुमार, तिलैया थाना प्रभारी विनय कुमार, डोमचांच थाना प्रभारी ओम प्रकाश सहित बड़ी संख्या में पुलिस जवान मौजूद हैं। ड्रोन कैमरे से भी छतरबर में हर घर के छत की निगरानी की जा रही है।
ड्रोन से निगरानी, आरोपियों की तलाश तेज
पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए छतरबर में ड्रोन कैमरों से निगरानी शुरू कर दी है। हर घर की छत और गलियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है ताकि पथराव करने वालों की पहचान हो सके। कोडरमा पुलिस ने कई थानों से बल बुलाकर इलाके में कैंपिंग शुरू कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह हमला सुनियोजित था, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो सका कि इसके पीछे कौन लोग थे। पुलिस ने जांच तेज कर दी है और जल्द ही दोषियों को पकड़ने का दावा किया है।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले
झारखंड में धार्मिक आयोजनों पर हमले कोई नई बात नहीं हैं। हाल ही में हजारीबाग में रामनवमी से पहले मंगल जुलूस पर पथराव की घटना ने भी सुर्खियां बटोरी थीं। कोडरमा में भी पहले सरस्वती विसर्जन और रामनवमी जुलूसों पर पथराव के मामले सामने आ चुके हैं। इन घटनाओं ने राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द पर सवाल उठाए हैं। छतरबर की इस ताजा घटना ने एक बार फिर पुलिस और प्रशासन की सतर्कता को परखने का मौका दे दिया है।

ग्रामीणों की नाराजगी, पुलिस से सख्ती की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं उनके धार्मिक विश्वास पर हमला हैं। एक ग्रामीण ने बताया, “हम शांति से अपना काम कर रहे थे, फिर भी हम पर पत्थर फेंके गए। पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, वरना यह सिलसिला रुकेगा नहीं।” महिलाओं ने भी इस घटना पर दुख जताया और कहा कि वे सिर्फ अपनी परंपरा निभा रही थीं। अब सबकी नजर पुलिस की जांच पर टिकी है कि क्या यह मामला सुलझेगा या फिर कोडरमा में तनाव का नया अध्याय शुरू होगा।