रांची, 15 अप्रैल:
झारखंड में नशीली दवाओं और मादक पदार्थों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ने अपनी कमर कस ली है। मंगलवार को मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी की अध्यक्षता में नार्को को-ऑर्डिनेशन सेंटर (NCORD) की पांचवीं राज्यस्तरीय समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें ड्रग्स के उत्पादन, वितरण और सेवन पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए।
बैठक में गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, समाज कल्याण सचिव मनोज कुमार, उत्पाद सचिव अमिताभ कौशल, स्कूली शिक्षा सचिव उमाकांत सिंह समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। वहीं, जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक वर्चुअली जुड़कर शामिल हुए।
मुख्य सचिव ने नशे के अवैध कारोबार से जुड़े तत्वों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग ड्रग्स के खिलाफ न केवल कानूनी कार्रवाई करें, बल्कि जन जागरूकता अभियान को भी और अधिक तेज़ करें।
दवा दुकानों पर सख्ती
मुख्य सचिव ने नशीली दवाओं की बिक्री को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने आदेश दिया कि सभी लाइसेंसधारी दवा दुकानों की सूची गृह सचिव को सौंपी जाए, जिससे अवैध रूप से चल रही दुकानों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
पोस्ते की खेती पर कड़ा प्रहार
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024-25 में 27,015 एकड़ में फैली अवैध पोस्ते की फसल नष्ट की गई है, जो कि पिछले वर्ष (4860 एकड़) की तुलना में छह गुना अधिक है। मादक पदार्थों से जुड़े मामलों में भी तेजी आई है — 2023 में जहां 529 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2024 में अब तक 803 केस दर्ज हो चुके हैं और 1062 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
प्रशिक्षण और समन्वय पर जोर
नशीले पदार्थों की रोकथाम के लिए पुलिस और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों को एनडीपीएस एक्ट के तहत लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए एनसीबी (स्वापक नियंत्रण ब्यूरो) और अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय, रांची द्वारा विशेष कोर्स चलाए जा रहे हैं। इसमें वन विभाग के कर्मियों को भी शामिल किया जा रहा है। साथ ही, एनसीबी और राज्य पुलिस के बीच बेहतर समन्वय के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) भी लागू की गई है।
जब्त सामग्री का जल्द निपटारा और मालखाना निर्माण
बैठक में जब्त किए गए मादक पदार्थों के समयबद्ध निपटारे पर विशेष बल दिया गया। कई जिलों में इस कार्य में देरी पर चिंता जताई गई और समयसीमा में प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, मादक पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए जिलों में शीघ्र मालखाना निर्माण का भी निर्देश दिया गया।
जन भागीदारी के लिए मानस पोर्टल
राज्य सरकार ने आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ‘मानस पोर्टल’ लॉन्च किया है, जहां कोई भी व्यक्ति अवैध नशा कारोबार की सूचना गुप्त रूप से दे सकता है। सही सूचना देने पर व्यक्ति को इनाम भी दिया जाता है। रांची में अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 70 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
तुरंत जांच के लिए किट खरीदने का आदेश
प्रत्येक जिले को निर्देश दिया गया है कि वे मादक पदार्थों की जांच के लिए आवश्यक डीडी किट, प्रेकर्सर किट और केटामाइन किट 15 दिनों के भीतर खरीदें। यह किट एफएसएल रिपोर्ट से पहले प्रारंभिक जांच में सहायक होती हैं और न्यायिक प्रक्रिया को बाधित नहीं होने देतीं।
बैठक में अवैध मादक पदार्थों से जुड़े मामलों के लिए स्पेशल कोर्ट के गठन और वित्तीय अनुसंधान को लेकर भी महत्वपूर्ण चर्चा की गई।