खूंटी। झारखंड भवन नई दिल्ली में विश्व आदिवासी दिवस पर खूंटी के सांसद कालीचरण मुंडा ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा कीह प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनहें नमन किया।
मौके पर कालीचरण मुंडा ने कहा कि कहा देश में साम्राज्यवाद, देशी-विदेशी, कॉरपोरेट घरानों, उद्योगपतियों की नव उदारवादी आर्थिक नीतियों को एनडीए द्वारा जबरन आदिवासियों के ऊपर थोपा जा रहा है। आदिवासी दिनों दिन शोषण, दमन एवं विस्थापन का शिकार हो रहे हैं। इसके विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ का यह प्रस्ताव एक व्यापक आंदोलन के लिए देश भर के विभिन्न संगठनों को एक संयुक्त मंच बनाने का अवसर प्रदान करता है। ऐसा हुआ तो जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों का पूर्ण अधिकार और स्वायत्तता स्वतः हासिल हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1994 में अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस की घोषणा की थी। यह दिवस 1982 में हुई पहली बैठक की तारीख को चिह्नित करता है, जिसमें आदिवासी समुदायों के मुद्दों पर चर्चा की गई थी। 2007 में संयुक्त राष्ट्र ने आदिवासी लोगों के अधिकारों पर एक घोषणा पत्र को अपनाया, जिसने आदिवासी समुदायों के अधिकारों को वैश्विक स्तर पर मान्यता दी। सांसद ने कहा कि भारत में भी आदिवासी समुदायों का अहम योगदान रहा है। आदिवासी समुदाय के लोगों की देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूदगी है। आदिवासी समुदाय अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं के साथ जुड़े हुए हैं।