– महाकुम्भ में नागा संन्यासियों के साथ ही देश विदेश के करोड़ों श्रद्धालु बने अमृत स्नान के साक्षी
– हर-हर गंगे के जयघोष से गूंजा संपूर्ण महाकुम्भ क्षेत्र
– सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच दिव्य और भव्य रहा अमृत स्नान
– सीएम योगी के निर्देश पर सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम
– डीआईजी और एसएसपी समेत सभी आलाधिकारी ने मौके पर रहकर की व्यवस्थाओं की निगरानी
महाकुम्भनगर। बसंत पंचमी के पवित्र अवसर पर सोमवार को त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए आस्था का जनसमुद्र उमड़ पड़ा। महाकुम्भ के तीसरे अमृत स्नान पर करोड़ों श्रद्धालु देर रात से ही पुण्य की कामना के साथ संगम की रेत पर एकत्रित होने लगे। हर-हर गंगे, बम बम भोले और जय श्री राम के गगनभेदी उद्घोष से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा। सीएम योगी के विशेष निर्देश पर सुरक्षा के ऐसे पुख्ता इंतजाम रहे कि परिंदा भी पर न मार सके। यहां डीआईजी और एसएसपी खुद मैदान में उतरकर व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे थे।
वहीं मौनी अमावस्या पर भगदड़ की घटना से सबक लेते हुए महाकुंभ में इस बार अमृत स्नान के लिए और कड़े इंतजाम किए गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ में अपने आवास पर वॉर रूम से खुद निगरानी कर रहे हैं। प्रदेश के डीजीपी और वरिष्ठ अधिकारी भी वहां मौजूद हैं।


श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से वन-वे रूट तैयार किया गया है। इसके अलावा पांटून पुलों पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न आने पाए, इसका भी खास इंतजाम किया गया है। विशेषकर त्रिवेणी के घाटों पर अत्यधिक दबाव रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल लगाए गए हैं। साधु संतों के अलावा बसंत पंचमी पर तीसरे अमृत स्नान पर सुबह 8 बजे तक 62.2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई।
स्नान के बाद दान-पुण्य करते नजर आए श्रद्धालु
श्रद्धालुओं के साथ साधु-संत, महामंडलेश्वर और देश-विदेश से आए भक्त संगम में पवित्र डुबकी लगाते नजर आए। इसके साथ ही सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अमृत स्नान के लिए अद्भुत और दिव्य महाकुम्भ की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई। यातायात पूरी तरह सुचारु रहा और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। स्नान के बाद श्रद्धालु दान-पुण्य करते दिखे।

महाकुम्भ का डिजिटल स्वरूप बना आकर्षण का केंद्र
बसंत पंचमी पर अमृत स्नान के दौरान महाकुम्भ का डिजिटल स्वरूप भी आकर्षण का केंद्र रहा। जहां हर व्यक्ति इस दिव्य अनुभूति को अपने कैमरे में सुरक्षित करने के लिए उत्साहित नजर आया। संगम तट पर फूल-मालाओं से लदे संतों पर उत्साहित श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। जिससे पूरे महाकुम्भ का माहौल और भव्य बन गया।

महाकुम्भ में भारतीय संस्कृति के रंग में रंगे विदेशी श्रद्धालु
– बसंत पंचमी के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर निहाल हुए विदेशी श्रद्धालु
– भारत की संस्कृति के बने साक्षी, साथी तीर्थयात्रियों का गर्मजोशी से किया स्वागत
– इस अनुपम अवसर को बताया अपने जीवन का सबसे अनमोल अनुभव
बसंत पंचमी के अवसर पर विदेशी श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करते हुए भारतीय संस्कृति के जीवंत रंगों में रंगे दिखाई दिए। वो न सिर्फ भारतीय मित्रों के साथ आध्यात्मिक गहराइयों में डूबे नजर आए, बल्कि अन्य तीर्थयात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत करते भी दिखे। विदेशी श्रद्धालुओं ने इस विशेष अवसर पर भारतीय परंपराओं को अपनाते हुए दिव्य स्नान में भाग लिया और अपनी यात्रा को एक अद्वितीय और अविस्मरणीय अनुभव बताया।
अनोखा अवसर
इटली से आए एक विदेशी श्रद्धालु ने कहा कि मैंने कुछ मिनट पहले पवित्र डुबकी लगाई। यह एक जीवन में मिलने वाला अनोखा अवसर जैसा महसूस हो रहा है। लोग इस क्षण के लिए 144 वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे। खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं। यह मेरे जीवन के सबसे सुंदर अनुभवों में से एक रहा। यहां के लोग हमारे प्रति बहुत ही दयालु रहे हैं।
अदभुत अनुभव
क्रोएशिया से आए एंड्रो ने बसंत पंचमी के अवसर पर संगम में पवित्र स्नान के बाद कहा कि मैंने और मेरी पत्नी ने पवित्र स्नान किया। यह एक अद्भुत अनुभव है। वास्तव में दिव्य महाकुम्भ की अनुभूति हो रही है। यहां व्यवस्थाएं और सुविधाएं सब कुछ बहुत शानदार और उत्तम रहा।

जीवन का सबसे अनमोल दिन
ऑस्ट्रिया से आई अविगेल कहती हैं, “यह अविश्वसनीय और अद्भुत है। यह जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव है। मैंने भारत के लोगों को समझना शुरू किया है। इससे पहले मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा।” इटली से एक अन्य श्रद्धालु भी कहते हैं, “यह मेरे लिए इस तरह का पहला अवसर है। मैं इटली से आ रहा हूं और मैं बहुत बहुत खुश हूं। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा अनुभव है।
एक दिन पहले ही सवा करोड़ से अधिक ने किया पुण्य स्नान
महाकुंभ के तीसरे और आखिरी शाही स्नान से एक दिन पहले रविवार रात दस बजे तक 1.33 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगा ली। इसमें एक फरवरी तक स्नान करने वाले 33.61 करोड़ लोगों की संख्या जोड़ दी जाए तो अब तक 34.90 करोड़ पवित्र संगम में स्नान कर चुके हैं। वसंत पंचमी का पुण्यकाल रविवार सुबह 11:53 बजे ही लग गया था। इसके चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने एक दिन पहले ही स्नान शुरू कर दिया।