पटना। पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर शनिवार को उनकी प्रतिमा पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सीएम ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर पत्रकारों के सवाल पर कहा कि जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर बिहार में पहले से ही कार्यक्रम होता आया है। हर वर्ष हमलोग यहां उपस्थित होते रहे हैं। नीति आयोग की मीटिंग को लेकर काफी पहले सूचना आ गयी थी। हमने पहले ही सूचना दे दी थी कि हमारा कार्यक्रम पहले से ही तय है।
सीएम ने कहा कि अगर वहां दोपहर बाद मीटिंग होती तो हम जाते। सुबह यहां के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वहां की मीटिंग में चले जाते। वहां भी सुबह में ही मीटिंग थी लिहाजा हमने बिहार की तरफ से मीटिंग में शामिल होने को लेकर अन्य लोगों और अधिकारियों का नाम भेज दिया था लेकिन वे लोग नहीं माने। समाचार पत्र के माध्यम से हमें सूचना मिली है कि 5 राज्यों के मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
नीतीश ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में हम जाते तो आप लोगों को पता चलता कि हमने कितनी बातें वहां कहीं हैं। हम एक बार फिर से विशेष राज्य के दर्जा के मुद्दे को उठाने वाले थे। सीएम ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अभी तक क्यों नहीं दिया गया है। जाति आधारित जनगणना जो केंद्र सरकार ने 2011 में कराई थी, उसको इस बार इनको करना चाहिए था, जो नहीं हुआ। अपने राज्य में हम लोगों ने जाति आधारित गणना की शुरूआत की तो इस पर तरह-तरह की बातें सामने आयी हैं। राज्यों के विकास के पहले केंद्र सरकार से जितनी मदद मिलती थी उतनी अब नहीं मिल रही है। इन सब चीजों पर हम पहले से अपनी बातें कहते रहे हैं। नीति आयोग की बैठक में इसे फिर से कहते। बिहार में हमलोग काफी काम कर रहे हैं लेकिन अगर विशेष राज्य का दर्जा मिल गया होता तो बिहार बहुत आगे बढ़ गया होता। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला है फिर भी हमलोग विकास का काम कर रहे हैं।
संसद के नए भवन के उद्घाटन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नया भवन बनाने की क्या जरूरत थी। जब नई बिल्डिंग बनाने की बात हुई थी तो उस समय भी हमें अच्छा नहीं लग रहा था। आजादी के समय जो बिल्डिंग थी उसी को और विकसित करना चाहिए था, अलग से नया बनाने का कोई मतलब नहीं है। देश के पुराने इतिहास को बदला जा रहा है। संसद के नई बिल्डिंग का राष्ट्रपति से उद्घाटन नहीं कराए जाने को पर अन्य पार्टियां इसका बहिष्कार कर रही हैं। जो पहले से बिल्डिंग मौजूद थी उसे ही विकसित करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि देश के इतिहास को भुलाया नहीं जा सकता है। पुरानी चीजों को खत्म कर देने से इतिहास के बारे में कैसे पता चलेगा। आजकल जो शासन में हैं वो सारे इतिहास को बदल देंगे। आजादी की लड़ाई के इतिहास को भी बदल देंगे। हमलोग एक-एक चीज मानते हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को श्रद्धांजलि देने हमलोग आते रहते हैं। जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के समय हम स्कूल में पढ़ते थे। इनकी मृत्यु का समाचार सुनकर काफी खराब लगा था।
बिहार विधानसभा के विस्तारित भवन के उद्घाटन समारोह में राज्यपाल को नहीं बुलाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समय विधानसभा का विस्तारित भवन बना था जो लोग आज बोल रहे हैं उस समय वे लोग मेरे साथ ही थे। इस बात को वे लोग भूल गये हैं ? भवन का सिर्फ विस्तार किया गया है। नया बिल्डिंग नहीं बनाया गया है। बिहार में विधानसभा का कोई नया भवन नहीं बना है। हमलोग सिर्फ उसका विस्तार किये हैं। पहले सदन की कमेटी के मेंबर को बैठने की जगह नहीं थी। ये लोग भूल इसलिए गए हैं कि अभी जो इनके नेता हैं वो चाहते हैं कि सभी चीजों को बदल दो ।
दो हजार रुपये के नोट बंद किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नोट बंदी के समय एक हजार रुपये के नोट को बंद कर दो हजार रुपये के नोट को इन लोगों ने शुरू किया था। अब दो हजार रुपये के नोट को भी बंद किया जा रहा है, इसका क्या मतलब है। वे लोग क्या कर रहे हैं उन्हीं लोगों से पूछिए।