–ओपीडी में हर दिन करीब 700 मरीज आते हैं इलाज के लिए
कोडरमा। जिले के लोगों के मन में आम धारणा है कि सरकारी अस्पतालों में बदइंतजामी होती है। वहां फैली गंदगी और बदबूदार वार्ड से मरीज ठीक होने के बजाए और बीमार होते जाते हैं। लेकिन इसी धारणा को सदर अस्पताल ने बदलकर रख दी है। साफ-सफाई से लेकर इलाज की अच्छी व्यवस्था देखकर ही मरीज भी कहने लगे हैं कि जब यहां सारी सुविधा मिल रही है तो प्राइवेट अस्पताल क्यों जाएं।
रांची से बेहतर है कोडरमा का सदर अस्पताल: डाॅ. कमलेश कुमार
हाल ही में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ. शशि प्रकाश शर्मा और वहीं 19 से 21 मार्च को नोडल पदाधिकारी रांची डाॅ. कमलेश कुमार अपने टीम के साथ तीन दिवसीय दौरा के दौरान सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लिया एवं सदर अस्पताल के कार्यों की सराहना किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सदर अस्पताल स्थित विभिन्न वार्डों, ओपीडी, आइपीडी, ओटी, पैथोलाॅजी लैब सहित अन्य वार्ड में गये। इसके अलावा अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन भवन का भी जायजा लिया। निरीक्षण के उपरांत पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल चिकित्सा के आधुनिक सुविधाओं के मामले में रांची के सदर अस्पताल से काफी बेहतर है। यहां बनाये गये माॅड्यूलर ओटी काफी उन्नत और आज के समय के अनुरूप है। ओटी की सारी व्यवस्थाएं काफी आधुनिक ढंग से फंक्शनल है। एक ओटी आर्थों से संबंधित तो दूसरा पेट सहित अन्य रोगों के लिए, जबकि तीसरा आंख से संबंधित है, तीनों ओटी सक्रिय रूप में है। निरीक्षण के दौरान पता चला कि पिछले महीने 50 से अधिक आॅपरेशन किया गया है। इससे प्रतीत होता है कि जिले वासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल रही है। उन्होंने डाॅक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को डयूटी रोस्टर के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने, अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने आदि का निर्देश दिया।

कोडरमा सदर अस्पताल क्यों है सुर्खियों में
सदर अस्पताल में सिर्फ 10 सरकारी चिकित्सक कार्यरत हैं, मगर जिला के डीसी मेघा भारद्वाज के प्रयास से वर्तमान में कुल 21 चिकित्सक अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं। राज्य में नवजातों को बेबी किट देने की शुरुआत सदर अस्पताल से ही हुई। जिसके बाद झारखंड सरकार ने राज्यभर में इसे लागू किया। पैथोलाॅजी लैब की बात करें तो हर दिन 450 के करीब नमूने जांच के लिए आते हैं, पहले यहां 15-20 तरह के टेस्ट होते थे, जो बढ़कर 95 तरह के हो गये हैं। यहां स्तन कैंसर, थायराॅयड और विटामिन आदि की जांच की जाती है। यहां 450 यूनिट ब्लड हर महीने खर्च होते हैं, थैलिसीमिया और रोड एक्सिडेंट के मरीजों को इलाज की खास सुविधा दी जाती है। अस्पताल द्वारा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना से संसाधन का भी सृजन किया जा रहा है। इससे बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सक और पारा मेडिकल स्टाफ को भुगतान किया जाता है। साथ ही डिस्ट्रिक मिनिरल फंड का उपयोग कर अस्पताल की हर जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। कोडरमा राज्य का पहला जिला है, जहां आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत इलाज करा रहे मरीजों को उपहार दिया जाता है। सदर अस्पताल में पेईंग वाॅर्ड की सुविधा भी है। जिसे शुल्क के साथ मरीज लेते हैं, वह अक्सर भरा रहता है।
सीसीटीवी कैमरे से लैस है सदर अस्पताल
वहीं उपाधीक्षक डाॅ. रंजीत कुमार ने कहा कि प्रतिदिन सदर अस्पताल में रोगी की बढ़ोतरी हो रही है एवं आम लोगों को बहुत ही सुविधा मिल रही है। ओपीडी की संख्या में लगातार मरीजों की वृद्धि हो रही है, सभी जगह निगरानी के लिए सीसीटीवी लगाया गया है। वहीं उन्होंने कहा कि सदर में सीटी स्कैन 24 घंटे खुली रहती है, दवा सुबह 9 से रात 9 बजे तक खुली रहती है, 24 घंटे डाॅक्टर उपस्थित रहते हैं, जिससे आम लोगों को सदर अस्पताल पर भरोसा काफी बढ़ गया है। हर लोग प्राइवेट हाॅस्पिटल छोड़कर सदर अस्पताल आना पसंद करना शुरू कर दिए हैं। वहीं उन्होंने कहा एसएनसीयू में नवजात बच्चों को रखा जाता है। वहां हर तरह की दवा की सुविधा उपलब्ध रहती है। वहीं जिला आरसीएच पदाधिकारी डाॅ. कुलदीप कुमार के प्रयास से रविवार को भी नवजात शिुशुओं को टीकाकरण केन्द्र में जीरो डोज का टीका समय से मिल पा रहा है। वहीं डीटीओ डाॅ. रमण कुमार ने कैंप लगवाकर बलगम की जांच करवाये जा रहे है। वहीं डीएमओ डाॅ. मनोज कुमार के निदेश पर मलेरिया से बचाव को लेकर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

सदर अस्पताल के ओपीडी
सदर अस्पताल के ओपीडी में ऑर्थो, आई, रेडियोलाॅजी, डेंटल, गायनी, शिशु, मेंटल, मेडिसिन, कार्डियोलाॅजी, फिजियोथेरेपी के मरीज आते हैं और स्वास्थ्य लाभ लेकर जाते हैं।
ओपीडी में इलाज करने वाले रोगियों की संख्या
साल ओपीडी मरीज
2022 139909
2023 189100
2024 193150
पैथोलाॅजी लैब में किए गये नमूनों की जांच
2022 113942
2023 125999
2024 117823
सदर अस्पताल में छुट्टी के दिन छोड़कर हर दिन करीब 700 ओपीडी मरीज इलाज के लिए आते हैं। जिसमें एक्स-रे 30, अल्ट्रासाउंड 30 से 35, मेजर सर्जरी 5 से 7, माइनर सर्जरी 10 से 12, सीटी स्कैन 10 से 15, डायलिसिस 8 से 10, डिलीवरी औसतन 7 से 10, पैथोलाॅजी लैब 330 से 350 मरीज होते हैं, साथ ही अस्पताल में भर्ती रहने वाले मरीजों की संख्या 70 से 90 तक होती है।
अस्पताल की सूरत बदलने में विश्वास रखते हैं डीसी: डाॅ. अनिल
सिविल सर्जन डाॅ. अनिल कुमार ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का नजरिया पहले नकारात्मक था, अब इसमें बदलाव आया है। मरीजों को दवाई मुफ्त में मिल रही है, मुफ्त में इलाज हो रहा है, इससे लोगों का नजरिया भी बदला है। पिछले दो वर्षों में अस्पताल में गुणात्मक परिवर्तन हुए हैं। वहीं उन्होंने कहा कि उपायुक्त मेघा भारद्वाज की पहल और अस्पताल के कर्मियों की टीम की वजह से ही संभव हो पाया है।

इस बारे में क्या कहते हैं उपायुक्त
जिला प्रशासन का प्रयास है कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर आम लोगों का विश्वास बना रहे। साथ ही उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले, कोडरमा जिला प्रशासन लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।

क्या कहते हैं मरीज
सदर अस्पताल आने वाले मरीज कहते हैं कि यहां की व्यवस्था प्राइवेट अस्पताल जैसी दी जाती है। वहीं कोडरमा की ही सुधा कुमारी का कहना है कि सदर अस्पताल निजी अस्पताल से बेहतर है, मैं यहां अपनी डिलीवरी के लिए आयी हूं, सभी तरह की सुविधाएं अस्पताल में मौजूद हैं। वहीं एक अन्य मरीज रामचंद्र प्रसाद कहते हैं, पिछले 2 सालों में अस्पताल बिल्कुल बदल गया है। नहीं के बराबर मरीजों को रेफर किया जाता है। अब हमें प्राइवेट अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है, अस्पताल साफ-सुथरा रहता है। साथ ही इलाज की सुविधा और सफाई ऐसी है कि मरीज को प्राइवेट अस्पताल का मुंह नहीं देखना पड़ेगा। बताया कि एक डीसी को जिला के लिए जो काम करना चाहिए, वह कोडरमा डीसी मेघा भारद्वाज कर रहे हैं, जिसका नतीजा है कि अस्पताल में इलाज की सारी सुविधा उपलब्ध है।
इन उपकरणों से लैस है अस्पताल
हाइड्रोलिक ओटी टेबल, हाइड्रोलिक लेबर टेबल, एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन, कार्डियक माॅनिटर, आॅक्सीजन कंसंट्रेशन, सक्शन मशीन, आटोक्लेव मशीन, ड्रेनेज सिस्टम, वाटर ट्रीटमेंट, फायर फाइटिंग उपकरण, आॅक्सीजन सप्लाई, रेफ्रिजरेशन व एयरकंडीशनिंग आदि सुविधाओं के लिए अत्याधुनिक संयंत्र लगाये गये हैं।
2024 में किस वार्ड में कितने मरीज आये
पीडियाट्रिक 15854
स्किन 3165
आई 13588
इएनटी 2939
डेंटल 5563
इमरजेंसी 37546
ऑब्स एंड गाइनी 37546
सर्जरी 3030
ऑर्थोपेडिक 13189
साइकाट्रिक 117
कुल 193150 मरीजों का सदर अस्पताल में इलाज किया गया।