चतरा। टंडवा स्थित एनटीपीसी के उत्तरी करणपूरा मेगावाट विद्युत ताप परियोजना के पहले और दूसरे यूनिट से बिजली के सफल उत्पादन और वितरण के बाद परियोजना के तीसरी यूनिट का भी परीक्षण सफल रहा। परियोजना के पदाधिकारियाें एवं कर्मियों को यह सफलता बुधवार को मिली।
तीसरे इकाई से बिजली के सफल उत्पादन की लकीरें जैसे ही ट्रायल रूम में लगे स्क्रीन में दिखी वैसे ही ट्रायल रूम के अंदर तालिया की गड़गड़ाहट गूंज उठी। इस प्रकार से 1980 मेगावाट वाली एनटीपीसी की उतरी करणपुरा मेगा विद्युत ताप परियोजना के तीनों युनिट से बिजली का उत्पादन सफल हुआ। परियोजना के पहले यूनिट का ट्रायल ऑपरेशन 20 दिसंबर 2022 को सफल हुआ था। जबकि दूसरे यूनिट का ट्रायल ऑपरेशन 28 फरवरी 2024 को सफल हुआ था। जिसे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन उद्घाटन कर देश को समर्पित किया था।
परियोजना के पहले और दूसरे यूनिट से देश के करीब आधा दर्जन राज्यों में बिजली की सफल आपूर्ति की जा रही है। परियोजना के पहले और दूसरे इकाई से उत्पादित बिजली से झारखंड, बिहार उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम सहित अन्य राज्य रौशन हैं। ऐसे में तीसरे ईकाई से बिजली के सफल उत्पादन के बाद उल्लेखित राज्यो में बिजली की आपूर्ति मजबूत होने के साथ अन्य राज्यों में बिजली की आपूर्ति की संभावना बढ़ गई है।

जिस एनटीपीसी उत्तरी कर्णपूरा परियोजना से उत्पादित बिजली से देश के आधा दर्जन राज्य रौशन हो रहे हैं। उस परियोजना की आधारशिला आज से 26 वर्ष पहले 6 मार्च 1999 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी। तब अजल जी खुद दिल्ली से चलकर टंडवा आए थे और एनटीपीसी उत्तरी कर्णपूरा परियोजना के निर्माण की आधारशिला रखी थी। 26 वर्ष बाद अटल वाजपेयी का सपना साकार हुआ। हालांकि वाजपेयी आज नहीं है लेकिन एनटीपीसी ने उनकी यादों को संजोए रखने के लिए शिलान्यास स्थल पर उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित करने के साथ वाजपेयी के जरिये लगाए गये बरगद के पेड़ को भी संजोए रखा है।