गढ़वा। श्रीबंशीधर नगर, प्रतिनिधि। श्रीबंशीधर नगर राजकीय महोत्सव के दौरान पहले दिन बुधवार की देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उस दौरान इंडियन आइडियल फेम सलमान अली और पूजा चटर्जी ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उसके अलावा आर्यन महाकाल ग्रुप द्वारा राधे कृष्ण की झांकी, न्यू झारखंड कला संगीत सृजन केंद्र द्वारा प्रस्तुत छऊ नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। पूजा चटर्जी ने सांसों की माला में, ओ मेरे दिल की चैन, प्यार आ रहा है प्यार, मेरा दिल गाए जा ज़ूबी ज़ूबी, तू मुझे कबूल मैं तुझे कबूल, दमा दम मस्त कलंदर, सात समंदर पार मैं तेरे पीछे पीछे, कोई ना कोई चाहिए प्यार करने वाला सहित कई गाना गाकर उपस्थित लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
उसके अलावा पूजा ने भोजपुरी स्टार सिंगर अनुपमा यादव के साथ हरि ओम हरि गाने पर जुगलबंदी की। वहीं सलमान के आते ही लोगों में जोश भर आया। सलमान ने भक्ति गीत श्री गणेश देवा से कार्यक्रम की शुरुआत की। उसके बाद तेरे नाम से जी लू तेरे नाम से मर लूं गाया। ऐसे लहरा के तू रु-ब-रु आ गई गाया। उस दौरान पूरा जनसैलाब मोबाइल का फ्लैशलाइट जलाकर झूमने लगा। उसके अलावा कजरा मुहब्बत वाला, यारा तेरी यारी को, काला चश्मा, झूम बराबर झूम, कुड़ी पंजाबन, धीरे धीरे मेरी जिंदगी में आना, मेरा पिया घर आया ओ राम जी, जीने के हैं चार दिन, खईके पान बनारस वाला, बलम पिचकारी, मैं निकला गड्डी लेकर, सावन में लग गई आग और सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी गाकर लोगों का भरपूर मनोरंजन कराया।
सभी कलाकारों को विधायक अनंत प्रताप देव, डीसी शेखर जमुआर, एसपी दीपक पांडेय ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
500 से अधिक कुर्सियां तोड़ी गईं, पुलिस ने किया हल्का बल प्रयोग
दो दिवसीय श्री बंशीधर महोत्सव के पहले दिन काफी अव्यवस्था रही। लोगों के बैठने के लिए सैकड़ों कुर्सियां तोड़ दी गईं। पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर बेकाबू लोगों को शांत करना पड़ा। तब तक 500 कुर्सियां तोड़ दी गई थीं। बताया जाता है कि पत्रकारों को भी वहां खड़े होकर समाचार संकलन करना पड़ा। उस दौरान पदाधिकारी भी मूकदर्शक बने रहे, जबकि उक्त स्थान पर पूरे जिले का प्रशासनिक महकमा मौजूद था। कई मुख्य द्वार पर पास दिखाने पर भी नहीं जाने देने पर जवानों से नोकझोंक की स्थिति देखी गई। वैसी ही स्थिति जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए लोगों को भी झेलना पड़ा।