पलामू।जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में एमआरएमसीएच से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर अवैध रूप से संचालित ‘रक्षक इमरजेंसी हॉस्पिटल’ के फर्जी डाक्टर राजकुमार प्रजापति को गिरफ्तार कर गुरूवार को जेल भेज दिया गया। इस सिलसिले में अल्ट्रासाउंड ऑपरेटर रोहित कुमार एवं अस्पताल संचालक के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज की गयी है।
उल्लेखनीय है कि बिना लाइसेंस के ‘रक्षक इमरजेंसी हॉस्पिटल’ में अल्ट्रासाउंड जांच की शिकासयत पर मेदिनीनगर सदर एसडीओ सुलोचना मीणा ने बुधवार को जांच की थी। जांच में जहां अवैध तरीके से अल्ट्रासाउंड की जानकारी मिली थी, वहीं अस्पताल को भी फर्जी पाया गया था। इस मामले में एसडीओ के निर्देश पर एमआरएमसीएच के डाक्टर एसके रवि और डीपीएम प्रदीप कुमार ने अस्पताल को सील कर दिया था।
गुरूवार को इस सिलसिले में अस्पताल के कर्मी राजकुमार प्रजापति, रोहित कुमार और संचालक पर एफआइआर दर्ज की गयी। जांच में सामने आया है कि अस्पताल में राजकुमार प्रजापति डाक्टर बनकर फर्जी तरीके से मरीजों का इलाज कर रहा था, जबकि रोहित कुमार बिना योग्यता के अल्ट्रासाउंड जांच में लगा था। रोहित एवं अस्पताल संचालक फरार है।
10 दिसंबर 2024 को भी इस हॉस्पिटल को सील किया गया था। बावजूद सील हटाकर धड़ल्ले से अस्पताल चल रहा था। यहां छतरपुर, पाटन, लेस्लीगंज समेत जिले के अन्य इलाके से मरीज पहुंचे हुए थे। एमआरएमसीएच से सटकर अस्पताल चलने से स्पष्ट हो रहा था कि इसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की मिलीभगत है। अस्पताल के बोर्ड पर अंकित छह डाक्टरों में से कोई मौके पर मौजूद नहीं था।