रांची। रांची सिविल कोर्ट ने आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े सात साल पुराने मामले में आरोपित आजसू सुप्रीमो सह पूर्व मंत्री सुदेश महतो को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। रांची एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश सार्थक शर्मा की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। सुदेश महतो की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता भरत चंद्र महतो ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पांच गवाहों को प्रस्तुत किया गया था, लेकिन ये गवाह आरोपों को साबित नहीं कर पाए।
सात मई 2018 को कोतवाली थाने में सुदेश महतो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें सिल्ली उपचुनाव में नामांकन-पत्र दाखिल करने में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। आरोपों के मुताबिक सात मई 2018 को सुदेश आजसू पार्टी के उम्मीदवार के रूप में सिल्ली उपचुनाव में नामांकन-पत्र दाखिल करने रांची समाहरणालय पहुंचे थे। वे पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय के बाहर पहुंचे थे। जबकि, आदर्श आचार संहिता के तहत ड्रॉप गेट तक ही वे और उनके पांच व्यक्तियों को प्रवेश करने की अनुमति थी।