नागपुर: नागपुर में हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ढक दिया है. जिस परिसर में कब्र है उसे टीन शेड से घेर दिया गया है. आने जाने वालों के आधार कार्ड चेक किए जा रहे हैं और मोबाइल ले जाने पर भी पाबंदी लग गई है.
ये कदम 17 मार्च को नागपुर में भड़की हिंसा के बाद उठाया गया है. राजनीतिक नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप के बीच महाराष्ट्र में यह मकबरा विवाद का केंद्र बन गया है. औरंगजेब की कब्र संभाजी नगर (पहले औरंगाबाद) के ही खुल्दाबाद में मौजूद है.
छत्रपति संभाजीनगर के जिला कलेक्टर दिलीप स्वामी ने 18 अप्रैल तक खुल्ताबाद शहर की सीमा में ड्रोन उड़ाने पर भी रोक लगा दी है. जिला प्रशासन ने एक अस्थायी रेड जोन घोषित किया है और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (1) और ड्रोन नियम, 2021 की धारा 24 के तहत प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है.
पुलिस ने कहा कि औरंगजेब की कब्र के साथ छेड़छाड़ की संभावना है जिसके कारण कानून और व्यवस्था की गंभीर समस्या पैदा हो सकता है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए औरंगजेब की कब्र के पास पुलिस कर्मी भी तैनात किए गए हैं. कब्र को हटाने के विवादों और बयानबाजी के चलते, पुलिस ने इलाके में अपनी मौजूदगी और बढ़ा दी है.
कब्र की सुरक्षा को और सख्त बनाने के लिए पीछे की दीवार पर लोहे के बड़े-बड़े पट्टे (लोहे की चादर) लगाए गए हैं. इलाके में पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी बढ़ा दी गई है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड फहीम खान गिरफ्तार
नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड फहीम खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसे 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है. फहीम का औरंगजेब के जिंदाबाद के नारे लगाते हुए वीडियो भी सामने आया है. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है कि दंगाइयों को कब्र में से भी ढूंढ निकाला जाएगा. पुलिस ने अब तक छह एफआईआर दर्ज की हैं.

नागपुर में हुए हिंसा के बाद से मामले की जांच जारी है. पुलिस मामले को लेकर कार्रवाई तेज की हुई है. इसी दौरान महाराष्ट्र साइबर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 140 से अधिक पोस्ट और वीडियो की पहचान की है. जिनमें आपत्तिजनक सामग्री थी और जिनका उद्देश्य साम्प्रदायिक अशांति फैलाना था. इसमें से अधिकतर सोशल मीडिया अकाउंट बांग्लादेश से संचालित किए जा रहे थे. जिसके जरिए भड़काऊ पोस्ट किए गए. जो दंगे में फ्यूल का काम किया.
बांग्लादेश से किए जा रहे थे पोस्ट
प्राथमिक जांच से पता चला है कि जिन वीडियो के जरिए लोगों को भड़काया गया. वे कथित रूप से बांग्लादेश से पोस्ट किए गए थे. इस तरह के वीडियो पोस्ट फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और यूट्यूब पर अपलोड किए गए थे. जिसने लोगों को भड़काने में अहम भूमिका निभाई.
84 लोग गिरफ्तार, 10 एफआईआर दर्ज
वहीं महाराष्ट्र पुलिस ने अब तक नागपुर हिंसा के आरोप में 84 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता फहीम खान और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के आठ कार्यकर्ता शामिल हैं. इसके अलावा, हिंसा को लेकर 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं.
कैसे भड़की हिंसा?
पुलिस का कहना है कि यह पूरा बवाल एक अफवाह पर हुआ कि हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन के दौरान एक कपड़े को जलाया गया है. इस कपड़े में कुरान की आयतें लिखी थीं. इसी अफवाह पर उस जगह भीड़ जुटी, जहां हिंदू संगठनों का प्रदर्शन हो रहा था. देखते ही देखते माहौल खराब हो गया. महल इलाके में हिंदू समाज की दुकानों, घरों और प्रतिष्ठानों को टारगेट करते हुए उपद्रवी भीड़ ने जमकर पत्थरबाजी की. यह बलवा ऐसा था कि करीब एक दर्जन पुलिस वाले घायल हो गए और इतने ही नागरिकों को चोटें आईं.
पुलिस का कहना है कि कुरान की आयतें लिखे कपड़े को जलाने की अफवाह और कुल 150 के करीब उकसाने वाली पोस्ट ने माहौल बिगाड़ दिया. इन अफवाहों ने ऐसा काम किया कि देखते ही देखते मुस्लिम वर्ग के लोग बड़ी संख्या में जुटने लगे. हिंदू संगठनों के प्रदर्शन के दौरान ही ये लोग जुटे तो माहौल खराब हो गया. साफ है कि इस हिंसा के पीछे एक गहरी साजिश भी है.
सीएम फडणवीस ने कहा था- हिंसा के पीछे कोई साजिश है
फिलहाल प्रशासन ने नागरिकों को अलर्ट किया है कि वे सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट सोच-समझकर ही शेयर करें. बांग्लादेश से संचालित होने वाले एक फेसबुक अकाउंट पर तो यह भी लिखा गया कि अभी यह एक छोटी घटना है. भविष्य में ऐसे कई वाकये होंगे. साइबर सेल ने फेसबुक से ऐसी सभी सामग्रियों को ब्लॉक करने को कहा है. बता दें कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा था कि नागपुर हिंसा के पीछे कोई साजिश है. इस केस में अरेस्ट फहीम खान के बारे में भी पता चला है कि वह लोगों को उकसाता था. यहां तक कि वह पुलिस को भी हिंदुओं की फोर्स कहता था.