– राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज को लेकर हुई चर्चा का गृह मंत्री अमित शाह ने दिया जवाब
नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राज्यसभा में अपने मंत्रालय की कामकाज पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि उनकी सरकार ने देश की आंतरिक और सीमाई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई समयानुकूल बदलाव किए हैं। हमने तकनीक, राजनीतिक इच्छा शक्ति, विधि जरूरतों को पूरा करने के साथ सुरक्षा बलों का हौसला बढ़ाया है, जिससे देश में आज पहले से कहीं अधिक सुरक्षित माहौल है।
राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने करीब दो घंटे के अपने जवाब में तीन प्रमुख समस्याओं जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और पूर्वोत्तर में अलगाववाद पर उनकी सरकार की ओर से उठाए गए निर्णायक कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में ही इन नासूर बन चुकी समस्याओं के सम्पूर्ण उन्मूलन के प्रयास किए गए। सुरक्षा, विकास और सार्वभौमत्व की इन समस्याओं के कारण चार दशक में देश के करीब 92 हजार नागरिक मारे गए।
गृहमंत्री ने इसके अलावा संगठित अपराध, ड्रग कारोबार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन पर भी अपनी मंत्रालय की ओर से किए कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ काम कर रही है। पूर्वोत्तर की समस्याओं को हम समाप्त करने के कगार पर हैं। इसके अलावा भारत 6 महीने में स्वदेशी एंटी ड्रोन मॉडल तैयार कर लेगा। देश 2014 से पहले आपदा प्रबंधन राहत केंद्रित था, अब बचाव केंद्रित दृष्टिकोण के साथ हम आगे आए हैं और इस देश में गत वर्ष में दो आपदाएं आई हैं, जिसमें जीरो मानव जीवन का नुकसान हुआ है।
जम्मू-कश्मीर को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री ने कहा कि काला चश्मा पहनने वालों को जम्मू कश्मीर में विकास नहीं दिखाई दे रहा। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाकर वहां के विकास प्रयासों को बढ़ाया गया है। आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि दुनिया में केवल दो देश अमेरिका और इज़राइल अपनी सुरक्षा और सीमाओं के लिए स्टैंड लेते थे, उरी और पुलवामा के मामले में भारत ने भी यही किया।
उन्होंने कहा, “हिसाब मांगते हैं कि क्या हुआ 370 हटाने का परिणाम? साहब, हिसाब तो उनको दिया जाता है, नजारा तो उनको दिखाया जाता है, जिनकी नजरें साफ हों। जो काला चश्मा पहन कर, आंखें मूंद कर बैठे हैं, उनको विकास नहीं दिखा सकते हैं। अरे भाई, जिनकी नजर में आतंकवादी है, तो आपको सपने में भी आएगा और आपको कश्मीर में भी दिखाई पड़ेगा। हम तो आतंकवादी देखते ही सीधा दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं। हमारी सरकार न आतंकवाद को सह सकती है और न ही आतंकवादियों को।”
वामंपंथी उग्रवाद पर गृह मंत्री ने कहा कि संवाद, सुरक्षा और समन्वय कर जवानों और नवीनतम तकनीक का उपयोग कर 21 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त किया जाएगा। 2023 दिसंबर में छत्तीसगढ़ में शासन बदला और भाजपा की सरकार आई। इसके बाद एक ही साल के अंदर 380 नक्सली मारे गए। इसमें कल के 30 जोड़ना बाकी हैं। 1,194 गिरफ्तार हुए और 1,045 सरेंडर कर गए। कुल 2,619 नक्सलियों की कमी आई।
गृहमंत्री ने पूर्वोत्तर की समस्या के समाधान के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी और कहा कि अब वहां अलगाववादी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों की होने वाली मौतों में भी बड़ी संख्या में कमी आई है। पूर्वोत्तर में हमने 12 शांति समझौते किए हैं। 10,900 युवा मुख्य धारा में लौटे हैं। चोटियों पर बसे गांव, जिन्हें भारत का अंतिम गांव माना जाता था प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के अंतिम गांव को भारत का प्रथम गांव कहा। यह सोच में बदलाव दर्शाता है।
गृहमंत्री ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए एनआई एक्ट में संशोधन किया गया है। देश की सरकार दूर दृष्टि के साथ काम कर रही है और पीएफआई जैसे संगठनों पर लगाम लगा रही है ताकि सर उठाने से पहले ही उसे कुचल दिया जाए। पंजाब में कुछ लोग नए भिंडरावाला बनने की कोशिश कर रहे थे, हमने सुनिश्चित किया कि वे पंजाब में भाजपा सरकार नहीं होने के बावजूद जेल में सड़ें।
शाह ने कहा कि उनकी सरकार देश से नारकोटिक्स की तस्करी को रोकने को लेकर प्रतिबद्ध है। 2004 से 2014 के दौरान 25 लाख किग्रा ड्रग्स जब्त की गई, जबकि 2014 से 24 के दौरान एक करोड़ किग्रा ड्रग्स जब्त की गई। कुछ सदस्यों ने कहा कि आपके समय में ड्रग्स की समस्या बढ़ गई है। दरअसल, समस्या बढ़ी नहीं बल्कि पहले से बढ़ी हुई थी। हमने पकड़ना शुरू किया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से ड्रग्स अफगानिस्तान से श्रीलंका की ओर जाती है। विपक्ष बार-बार कहता है कि गुजरात से ड्रग्स क्यों पकड़ी जाती है? हम कहना चाहते हैं कि हर राज्य पकड़े। ड्रग्स अंतरराष्ट्रीय सीमा से पकड़ी जा रही है। हमारी सरकार का नियम है ‘न एक किलो ड्रग्स भारत आने देंगे और न ही बाहर जाने देंगे।’
शाह ने बताया कि मिशन स्पंदन के माध्यम से हमने नशीली दवाओं की लत की पहचान करने और नशीली दवाओं की लत को मिटाने के लिए उपचार प्रदान करने का लक्ष्य रखा। हमने नशा मुक्त भारत शपथ और ऑनलाइन ई-प्रातिज्ञा को लॉन्च किया, जिसमें 3 करोड़ युवाओं ने अन्य कदमों के बीच ऑनलाइन प्रतिज्ञा ली। हालांकि, मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि केंद्र सरकार अकेले इस मुद्दे को नहीं मिटा सकती है। इसमें सभी का योगदान देना चाहिए। यदि आप में से किसी के ध्यान में इस तरह की कोई खबर आती है तो कृपया इसे ऑनलाइन रिपोर्ट करें।